फेक न्यूज़ और डीप फेक रोकने ISB राजस्थान पुलिस की विशेष कार्यशाला आयोजित

राजस्थान पुलिस और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) ने जयपुर में मीडिया और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों के लिए फेक न्यूज़ और डीप फेक रोकने की विशेष कार्यशाला आयोजित की। डीजीपी राजीव शर्मा ने मीडिया से तथ्य जाँच और AI टूल्स के इस्तेमाल पर जोर दिया।
फेक न्यूज़ व डीप फेक पर लगाम :
जयपुर में ISB और राजस्थान पुलिस की संयुक्त पहल

जयपुर : इंटरनेट और सोशल मीडिया पर तेजी से बढ़ते फेक न्यूज़ और डीप फेक (Deepfake) के खतरे को देखते हुए इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) हैदराबाद और राजस्थान पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में आज राजस्थान पुलिस अकादमी के नालंदा सभागार में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित की गई।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मीडिया कर्मियों और पुलिस अधिकारियों को AI टूल्स के माध्यम से ऑनलाइन फैल रही भ्रामक सामग्री की पहचान और रोकथाम के तरीकों से अवगत कराना था।
डीजीपी राजीव शर्मा ने फेक न्यूज़ को बताया “इनफॉर्मेशन वॉर टूल”

कार्यक्रम का शुभारंभ राजस्थान पुलिस के महानिदेशक पुलिस (DGP) राजीव शर्मा ने किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में पुरानी घटनाओं को नई खबर के रूप में पेश कर कुछ सेकंड में लाखों लोगों तक पहुँचाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि फेक न्यूज़ एक इनफॉर्मेशन वॉर टूल बन गया है, जो कानून और व्यवस्था, मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक अपराधों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
DGP शर्मा ने देश में 9 मिलियन से अधिक इंटरनेट यूज़र्स और 34% सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं का जिक्र करते हुए कहा कि 18 से 24 वर्ष की आयु के युवाओं को इस संबंध में विशेष जनजागरूकता की आवश्यकता है।
मीडिया से अपेक्षाएँ और सुझाव
डीजीपी ने मीडिया से अपील की कि ब्रेकिंग न्यूज़ देने की जल्दबाज़ी में फैक्ट-चेक (तथ्य-जाँच) अवश्य करें, क्योंकि एक गलत खबर से बड़े स्तर पर नुकसान हो सकता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि मीडिया और पुलिस मिलकर तकनीक का उपयोग करें और किसी भी संदिग्ध सामग्री को पहचानने के लिए सक्रिय रहें। उनका कहना था कि सच्चाई आम जनता तक पहुंचे और IT का इस्तेमाल सकारात्मक कार्यों में हो।
कार्यशाला में ISB और पुलिस अधिकारियों की भागीदारी
कार्यशाला का आयोजन राजस्थान पुलिस अकादमी के ऑडिटोरियम भवन में किया गया। इसमें मीडिया कर्मियों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों ने भाग लिया।
ISB की टीम, जिसमें वरिष्ठ फैकल्टी प्रोफेसर मनीष गंगवार और मेजर विनीत कुमार शामिल थे, ने प्रतिभागियों को AI टूल्स के माध्यम से डीप फेक की पहचान करने के तरीकों पर प्रशिक्षित किया।
इस अवसर पर राजस्थान पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे:
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डीजी साइबर क्राइम व लॉ एंड आर्डर: श्री संजय अग्रवाल
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राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक एवं एडीजी: श्री संजीब नार्जारी
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एडीजी (साइबर क्राइम): वीके सिंह
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महानिरीक्षक पुलिस: श्री अजय पाल लांबा
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डीआईजी: कुंवर राष्ट्रदीप
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एसपी: राशि डोगरा, शांतनु सिंह
कार्यशाला के प्रमुख बिंदु

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फेक न्यूज़ और डीप फेक की पहचान – AI टूल्स और तकनीकी दृष्टिकोण।
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मीडिया और पुलिस का सहयोग – संदिग्ध सामग्री की समय पर रिपोर्टिंग।
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जनजागरूकता – युवाओं और आम जनता को ऑनलाइन धोखाधड़ी और झूठी खबरों से सावधान करना।
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तकनीकी प्रशिक्षण – मीडिया कर्मियों को डिजिटल फैक्ट-चेकिंग और साइबर सुरक्षा तकनीक सिखाना।
DGP शर्मा ने कहा, “भ्रामक खबरें केवल भ्रम फैलाती हैं बल्कि समाज में तनाव और आर्थिक नुकसान भी करती हैं। इसीलिए मीडिया और पुलिस को सतर्क रहना चाहिए।”
निष्कर्ष :
राजस्थान पुलिस और ISB हैदराबाद की यह पहल फेक न्यूज़ और डीप फेक से निपटने के लिए एक मॉडल प्रैक्टिस के रूप में देखी जा रही है। कार्यशाला ने मीडिया, पुलिस और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों को AI आधारित तकनीक और फैक्ट-चेकिंग के महत्व से अवगत कराया।
इस पहल का उद्देश्य है कि भ्रामक खबरें नियंत्रित हों, सच्चाई जनता तक पहुंचे और IT का उपयोग समाज के हित में किया जाए।
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