Covid-19 Cases In India: कोरोना की रफ्तार 58 गुना तेज़: देश में एक्टिव केस 5364 के पार: मिले 4 नए वैरिएंट
देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले 20 दिन में केसों की संख्या में 58 गुना की बढ़ोतरी हुई है। 16 मई को देशभर में कोविड के 93 एक्टिव केस थे। जिनकी संख्या अब 5364 पहुंच गई है।

कोरोनावायरस वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। इस नई लहर में बढ़ते मामले भारत में भी चिंता बढ़ा रहे हैं। 6 जून (शुक्रवार) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड डैशबोर्ड पर साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल एक्टिव मामले 5000 का आंकड़ा पार कर गए हैं। गुरुवार को कोविड के कुल सक्रिय मामले 4866 थे जो शुक्रवार को बढ़कर 5364 हो गए हैं। ये बढ़ोतरी पिछले करीब 15 दिनों से लगातार देखी जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्च 2023 के बाद पहली बार एक्टिव केस 5000 के ऊपर गए हैं। पिछले 24 घंटे में 498 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 4 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। चारों की उम्र 65 से अधिक है। रिकवरी की दर जरूर राहत देने वाली है। पिछले 24 घंटे के भीतर 764 लोग ठीक हुए हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर घबराने या चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि सर्दी जुकाम के साथ सांस लेने में दिक्कत से पीड़ित होने वाले मरीजों को डॉक्टर से मिलकर जांच कराना चाहिए। अधिकतर लोग घर पर रहकर ही ठीक हो जा रहे हैं। इसलिए संक्रमण की स्थिति में भी ज्यादा परेशान होने या अस्पताल भागने की जरूरत नहीं है।
कोरोना को लेकर राज्यों में मॉक ड्रिल हुई केंद्र सरकार गुरुवार को देश भर के राज्यों के चुनिंदा अस्पतालों में मॉक ड्रिल हुई। इस दौरान इन अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई, जरूरी दवाओं की स्थिति और वेंटिलेटर की व्यवस्थाओं को परखा गया। इससे बनी रिपोर्ट में कोरोना की चौथी लहर आने की स्थिति में अस्पतालों की तैयारियों पर रेटिंग दी जाएगी।
इससे पहले 2 जून को एक शुरुआती मॉक ड्रिल हुई थी। इसमें हेल्थ सर्विस इन्फ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता के लिए अस्पतालों की रेटिंग दी गई थी। इसमें लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक, प्रेशर स्विंग एडजॉर्पशन प्लांट और मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम पर फोकस किया गया था।
भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।
बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।
NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।
भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।
JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।
अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।