Jaipur News: मान्यावास में बने नविन जैन मंदिर में पंचकल्याणक महोत्सव: 13 जून को होगा धार्मिक प्रवेश
जयपुर छोटी काशी धर्म नगरी के नाम से विश्व विख्यात राजधानी जयपुर शहर के मानसरोवर में स्थित मान्यावास के इजीनियर्स कॉलोनी के नविन जिनालय शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर का पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आयोजन 14 जून से आचार्य शशांक सागर महाराजा और मुनि जयकीर्ति महाराज ससंघ सानिध्य एवं पंडित धर्मचंद शास्त्री और ब्रह्मचारी जिनेश भेया के निर्देशन में आयोजित होने जा रहा है।

इस आयोजन में समाज सेवी कमलचंद–तारा देवी छाबड़ा को भगवान के माता–पिता, शिल्पी–दिवाकर चितौडा को सौधर्म इंद्र, अशोक–सीमा जैन (पचेवर वाले) को धनपति कुबेर इंद्र, रवि–ऋतू छाबड़ा को महायज्ञ नायक, कमलेश–पूनम सेठी को यज्ञनायक, रजनी–सपन छाबड़ा को चक्रवती, सीए मनीष–निशा छाबड़ा को महामंडलेश्वर इंद्र बनने सहित कुल 40 समाज श्रेष्ठीजन परिवारों को इंद्र बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, तीन दिन चलने वाले इस महोत्सव में 108 से अधिक परिवारजन पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के विधान पूजन में भाग लेंगे और वेदी और पांडाल शुद्धि संस्कार के साथ यागमंडल विधान सहित भगवान शांतिनाथ गर्भ, जन्म, तप, त्याग और मोक्ष कल्याणक का पूजन श्रद्धा और भक्तिभाव पूर्वक कर अष्ट द्रव्य चढ़ा विधान पूजन करेगे।
महोसत्व के प्रचार संयोजक अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया की रविवार 8 जून को प्रात: 9 बजे ब्रह्मचारी जिनेश भेया के निर्देशन में समाज की महिलाओ के द्वारा नविन जिनालय में मंत्रौचरण के साथ अंकुरारोपण की प्रक्रिया के साथ पंचकल्याणक महोत्सव का शुभारंभ किया जाएगा। अंकुरारोपण की प्रक्रिया में सभी महिलाएं एकत्रित होकर मंत्रोचारण के साथ जिनेन्द्र प्रभु से प्रार्थना कर आठ तरह के अन का अंकुरारोपण करने का सौभाग्य प्राप्त करेगी। अंकुरारोपण में आठ तरह के (गेंजू, जो, बाज़ार, गवार इत्यादि आठ) अन का प्रयोग किया जाता है और प्रभु से प्रार्थना की जाती है कि जगत के कल्याणक के लिए प्रत्येक परिवार को इन आठ अन का सौभाग्य सदैव प्राप्त होता रहे। शुक्रवार 13 जून को पंचकल्याणक महोत्सव में अपना सानिध्य प्रदान करने के लिए आचार्य शशांक सागर महाराज और मुनि जयकीर्ति महाराज का भव्य मंगल प्रवेश के साथ इंजीनियर्स कॉलोनी, मान्यावास में होगा और सोमवार 16 जून को गाजों, बाजों और लावाजमों के साथ ऊंट, हाथी, घोड़े, रथ, बेंड-बाजों और श्रद्धालुओ के जयकारों के साथ भव्य एवं विशाल शोभायात्रा के साथ भगवान शांतिनाथ स्वामी को नविन जिनालय की नविन वेदी पर विराजमान किया जायेगा और कलशाभिषेक व शांतिधारा का भव्य आयोजन होगा।