World Heritage Day 2025: संघर्षों से जूझती विरासतें : विश्व धरोहर दिवस 2025 की थीम पर ICOMOS की 60 वर्षों की सीख
किसी भी देश की धरोहर या विरासत उस देश के अतीत और गौरव गाथा को बताते हैं। युद्ध, महापुरुष, कला और संस्कृति आदि को इतिहास के पन्नों पर दर्ज करने के साथ उसके सबूत के रूप में विरासत जरूरी है।

विश्व धरोहर दिवस दुनियाभर की एतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों को समर्पित है यह दिन हर साल 18 अप्रैल के दिन मनाया जाता है। इस दिन को विश्व धरोहर दिवस के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल दिवस जैसे नामों से भी पुकारा जाता है।
किसी देश की धरोहर उसकी पहचान होती है
जब भी दुनिया में भारत का जिक्र होता है। तो सबसे पहले लोगों की आंखों के सामने ताजमहल की छवि उभरती है। इसके बाद अन्य धरोहरों की चर्चा होती है। विश्वभर में मौजूद धरोहरों को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। ऐसे में इन धरोहरों का संरक्षण करना और ऐतिहासिक स्थलों के प्रति लोगों को जागरूक करना संबंधित संस्थाओं की जिम्मेदारी होती है। इसी उद्देश्य से हर साल 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस (World Heritage Day) मनाया जाता है।
कैसे हुई शुरुआत?
साल 1982 में इस दिवस को विश्व स्तर पर मनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। वर्ष 1983 में इसे आधिकारिक मान्यता प्राप्त हुई और तब से हर साल 18 अप्रैल को यह दिन धरोहरों के संरक्षण और जागरूकता के उद्देश्य से मनाया जा रहा है।
पहली बार कब मनाया गया धरोहर दिवस
चार साल बाद 18 अप्रैल 1982 को ट्यूनीशिया में ‘इंटरनेशनल काउंसिल आफ मोनुमेंट्स एंड साइट्स’ ने सबसे पहले विश्व धरोहर दिवस मनाया। एक साल बाद 1983 नवंबर महीने में यूनेस्को ने स्मारक दिवस को विश्व धरोहर दिवस के तौर पर मनाने की मंजूरी दी। उसके बाद हर साल 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस दुनियाभर में मनाया जाने लगा।
विश्व धरोहर दिवस 2025 की थीम
हर साल धरोहर दिवस की एक खास थीम होती है। साल 2024 में विश्व विरासत दिवस की थीम विविधता की खोज और अनुभव थी। वहीं इस साल विश्व धरोहर दिवस 2025 की थीम है आपदाओं और संघर्षों से खतरे में पड़ी विरासत ICOMOS की 60 वर्षों की कार्रवाइयों से तैयारी और सीख।
दुनिया में कितनी विश्व धरोहरें हैं?
विश्व धरोहर स्थलों की कुल संख्या: 1199
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सांस्कृतिक स्थल: 933
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प्राकृतिक स्थल: 227
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मिश्रित स्थल: 39
विश्व धरोहरों में शामिल भारत के ये मशहूर स्थल
इनके आलावा भारत के ये कुछ मशहूर स्थल भी विश्व धरोहर की लसित में शामिल हैं। जैसे- अजंता गुफा-ऐलोरा की गुफाएं, आगरा किला, ताजमहल, कोणार्क का सू्र्य मंदिर, नंदा देवी नैशनल पार्क, सांची का बुद्ध स्तूप, भीमबेटका की गुफाएं, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, महाबलिपुरम के स्मारक चिह्न, काजीरंगा नेशनल पार्क, मानस वन्यजीव अभ्यारण्य, केवलादेव नैशनल पार्क, गोवा के चर्च और मठ, ऐलिफेंटा की गुफा, चोला के प्रसिद्ध मंदिर, सुंदरबन नैशनल पार्क, चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान, लाल किला, जयपुर का जंतर-मंतर, पश्चिमी घाट, राजस्थान के पहाड़ी किले, गुजरात में रानी की वाव, हिमालय नैशनल पार्क, नालंदा, कंचनजंगा नैशनल पार्क, चंडीगढ़ का ले करबुसिएर संग्रहालय, ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद, मुंबई की द विक्टोरियन और आर्ट डेको एनसेंबल ने इस लिस्ट में अपनी जगह बनाई है।
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