Shekhawat’s Counterattack on Anti-Hindi Statement: हिंदी विरोधी बयान पर शेखावत का पलटवार: बोले – कुछ लोग राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए राष्ट्रीय एकता पर टिप्पणी से नहीं चूकते
जयपुर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए राष्ट्रीय एकता पर राजनीतिक टिप्पणी करने से नहीं चूकते हैं, जो बिल्कुल अनुचित है।

शेखावत ने जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत की तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के स्टालिन की हिंदी के विरोध में आई प्रतिक्रिया पर शेखावत ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। इस पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। जो लोग सवाल उठा रहे हैं। उनको पहले हिंदी के विषय में जानना चाहिए। हिंदी पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधने वाली भाषा है। मां भारती के भाल की बिंदी है। देश के 140 करोड़ लोगों के लिए गर्व का विषय है कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। उस पर इस तरह की टीका-टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। स्थानीय लोगों की भावनाओं को उकसाना गलत है।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि जिस देश के लोकतंत्र को 75 साल हो गए हों, उस देश में न तो ऐसे विषयों के लिए कोई स्थान होना चाहिए और न ही ऐसी भाषा बोलने वाले लोगों के प्रति कोई आस्था और श्रृद्धा होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एम.के स्टालिन ने राजस्थानी भाषा पर भी सवाल उठाया। तब मैंने उन्हें राजस्थान आने के लिए आमंत्रित किया। वो राजस्थान में आकर देखें कि कुछ ही दूरी में किस तरह भाषाओं में परिवर्तन होता है और यही हमारे देश की पहचान है। जिसका सम्मान होना चाहिए।