Stories of TOP 10 Babas: लाखों का पैकेज छोड़ संन्यासी बन गए ये बाबा: जानिए ऐसे 10 बाबाओं की कहानी
हम आम जीवन में हम पढ़ाई करते है नौकरी लगने के लिए ताकि हमारा जीवन ठीक से बीते लेकिन आज हम आप को ऐसे बाबाओ के बारे में बता रहे है जो महाकुंभ में वायरल हो रहे वैसे तो इन संन्यासियों को देखकर लोगों में यह धारणा रहती है कि ये कम पढ़े-लिखे होंगे लेकिन महाकुंभ में आए कुछ बाबाओ ने यह धारणा बदल दी है आज हम आप को ऐसे हे बाबाओ के बारे में बतायेगे….

1 आईआईटियन बाबा (IITian Baba)
बिजनेस जूना अखाड़े में इस समय आईआईटियन बाबा की खूब चर्चा है। इनका नाम अभय सिंह हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले हैं। । आईआईटी बॉम्बे से एयरो स्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। पहले उन्होंने कोचिंग में बच्चों को फिजिक्स पढ़ाया। इसके बाद फोटोग्राफी में आ गए। अभय ने डिजाइनिंग में मास्टर डिग्री भी हासिल की। ओपिनियन मधुरिमा मैगजीन समय के साथ उनका मन इन चीजों से हट गया और संन्यासी जीवन अपना लिया। वह ‘मसानी गोरख बाबा’ के नाम से प्रसिद्ध हैं। वे काशी, ऋषिकेश और चारों धाम में रहते हुए अपनी साधना करते हैं।
2 अभय पुरी Abhay Puri

अभय पुरी लंबी कद-काठी के हैं। जो जयपुर के ही डुंगरी इलाके से आते हैं। अभय 11 साल तक वन विभाग में रेंजर की पोस्ट पर तैनात रहे। उन्हें हर महीने 90 हजार रुपए सैलरी मिलती थी। वह कहते हैं- मैं अपने गुरु महाराज के पास आया और संन्यास की बात कही। सबसे पहले गुरु जी ने यही कहा कि जब तक तुम्हारी पत्नी नहीं कहेगी तब तक संन्यास नहीं दिलवाया जा सकता। हमने पत्नी को ये बताया। उन्होंने फोन पर सहमति दी। इसके बाद मैं गृहस्थ जीवन त्यागकर संन्यासी बन गया।
परिवार में कौन कौन
अभय पुरी के परिवार में एक बेटा और बेटी हैं। बेटी की शादी हो चुकी है। वह सेटल है। बेटा योग में मास्टर डिग्री हासिल कर चुका है।
4 स्वामी मुकुंदानंद (Swami Mukundananda)
स्वामी मुकुंदानंद, जो आईआईटी दिल्ली के छात्र थे, ने एक आकर्षक करियर को छोड़कर साधु जीवन अपनाया। उनका जन्म 19 दिसंबर 1960 को हुआ। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से बीटेक और आईआईएम कोलकाता से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में उच्च वेतन वाली नौकरी की, लेकिन उन्होंने इसे छोड़कर आध्यात्मिक जीवन की ओर रुख किया और आज एक प्रमुख आध्यात्मिक नेता और लेखक हैं।
4 आशुतोषानंद गिरि महाराज (Ashutoshanand Giri Maharaj)
भागलपुर आशुतोषानंद गिरि महाराज निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर हैं। 2014 में कोलकाता की स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी में न्याय विभाग में प्रोफेसर थे। उस वक्त सैलरी 75 हजार रुपए महीने थी। एक साल नौकरी के बाद अध्यात्म का रास्ता चुन लिया। वह कहते हैं- बिहार के भागलपुर जिले में घर था। संन्यास के बाद अब काशी में रहता हूं। संन्यास क्यों लिया के सवाल पर कहते हैं कि संसार का सत्य मालूम पड़ा कि यहां कोई रुकेगा नहीं। जो सुख आप भोग लेंगे, वह टिकने वाला नहीं है। हमने उन्हीं सुख-सुविधाओं को त्यागा है। बता दे की आशुतोषानंद तीन भाई हैं। वह सबसे छोटे हैं। इनके बड़े भाई ने भी संन्यास ले लिया है। आशुतोषानंद जी ने बताया कि मैंने उन्हें समझाया, लेकिन जिसके मन में संन्यास की भावना आ जाए वह समझाने से कहां समझता है?
5 अविरल जैन (Aviral Jain IIT BHU)
अविरल जैन आईआईटी बीएचयू से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट किया है। अमेरिका के वालमार्ट कंपनी में वे करोड़ों की नौकरी कर रहे थे। 2019 में अचानक उन्होंने नौकरी छोड़ दी और जैन मुनि बन गए। वे विशुद्ध सागर जी महाराज के शिष्य हैं। अब वे परम ज्ञान की प्राप्ति के लिए कठिन साधना में लीन है।
6 संकेत पारिख Sanket Parekh (IIT Bombay)
संकेत पारिख आईआईटी बंबई से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट किया है। वे भी अमेरिका में करोड़ों की नौकरी कर रहे थे और अचानक सन्यासी बन गए। दिलचस्प बात यह है कि सन्यासी बनने से पहले उनका धर्म में विश्वास नहीं था। इसके बावजूद वे धर्म की राह पर परम ज्ञान की खोज करने आ गए। परिवार ने बहुत समझाया लेकिन वे नहीं मानें। संकेत पारिख दो साल कर आचार्य युग भूषण सुरी के नेतृत्व में साधना की और अब वे पूरी तरह से जैन मुनि हैं।
7 महान एमजे Mahan Mj (IIT Kanpur)
महान एमजे आजकल स्वामी विद्यानाथ नंदा के नाम से प्रसिद्ध हैं। इससे पहले आईआईटी कानपुर से ग्रेजुएट और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से मैथ में पीएचडी की डिग्री भी हासिल कर चुके हैं। 2008 में इस दुनियावी दुनिया से अलग रामकृष्ण मठ के साथ जुड़ गए। वे टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मुंबई में मैथ के प्रोफेसर भी हैं। वे अपने आध्यात्म से लोगों के जीवन में जीवन की गहराई के बारे में बताते हैं
8 संदीप कुमार भट्ट
संदीप कुमार भट्ट आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की है। 2002 में वह अपने बैच के गोल्ड मेडलिस्ट रहे थे। एमटेक के बाद इन्होंने लाखों रुपये की नौकरी की फिर अचानक एक दिन सिर्फ 28 साल की उम्र में उन्होंने संन्यास की राह पकड़ ली। संन्यासी बनने के बाद उन्होंने अपना नाम स्वामी सुंदर गोपालदास रख लिया।
9 बाबा सोमेश्वर
आंध्र प्रदेश के रहने वाले बाबा सोमेश्वर। वह एयरफोर्स में ग्राउंड स्टाफ में अफसर रहे। नौ साल की नौकरी के बाद कैनरा बैंक में असिस्टेंट मैनेजर बन गए। लेकिन उनका मन वहां भी नहीं लगा सोमेश्वर बताते हैं- 55 साल की उम्र में गृहस्थ जीवन त्याग दिया। आश्रमों में जाकर रहने लगे। लेकिन 2019 में अपने गुरु महाराज की कृपा से पूर्ण संन्यासी बन गया। स्वामी शिवपुरी के संपर्क में आने के बाद संन्यास लिया। उनके कई इंजीनियर और अफसर भक्त हैं।
परिवार में कौन कौन ?
बाबा की तीन बेटियां हैं। सभी की शादी हो चुकी है। सब अपने परिवार के साथ सेटल्ड हैं। हमने और पूछने की कोशिश की तो कहते हैं। संत से पिछली चीजें नहीं पूछनी चाहिए। वह नहीं पसंद इसीलिए तो सबकुछ छोड़कर संन्यास ले लिया।
10 व्यासानंद गिरि अमेरिकी (Vyasananda Giri)

व्यासानंद गिरि एजुकेशन स्पोर्ट्स बॉलीवुड लाइफस्टाइल जीवन मंत्र वुमन निरंजनी अखाड़े के व्यासानंद गिरि को अखाड़ा परिषद ने इसी 12 जनवरी को महामंडलेश्वर के पद पर आसीन किया। व्यासानंद का पहले टॉम नाम था। वह 75 साल के हैं। एपल की को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल इनके पट्टाभिषेक (राजतिलक) कार्यक्रम में शामिल हुई थीं। व्यासानंद गिरि ने आईटी सेक्टर में कई बड़ी कंपनियों में काम किया। वहां मन नहीं लगा तो सनातन धर्म अपना लिया। अब पूरा समय योग, ध्यान, हिंदुत्व पर शोध व धार्मिक स्थलों के भ्रमण में जाता है। वह उत्तराखंड के ऋषिकेश में रहते हैं।
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