“That Night”: जयपुर की पहचान बनी कहानी “उस रात”: “उस रात” के लिए सोनू यशराज को मिला प्रथम पुरस्कार
जयपुर की साहित्यकार सोनू यशराज ने डॉ. प्रेम कुमारी नाहटा अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता 2024 में अपनी कहानी “उस रात” के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया।

यह प्रतियोगिता वामा साहित्यिक मंच द्वारा आयोजित की गई थी। जयपुर की पहचान बनी कहानी ‘उस रात’ नहीं बल्कि, जयपुर को गुलाबी शहर बनाने की कहानी है।
सम्मान समारोह का आयोजन
यह भव्य सम्मान समारोह 12 जनवरी 2025 को http जयपुर को गुलाबी शहर बनाने की कहानी हैइंदौर के मध्य भारत सांस्कृतिक केंद्र में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. प्रेम कुमारी नाहटा, वरिष्ठ कवि आशुतोष दुबे, वामा साहित्य मंच की संस्थापक अध्यक्ष पद्मा राजेंद्र जैन, अध्यक्ष ज्योति जैन, और सचिव स्मृति आदित्य की उपस्थिति में सोनू यशराज को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया। समारोह में साहित्य और कला जगत के कई प्रबुद्ध गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।
साहित्य में सोनू यशराज का योगदान
सोनू यशराज एक सूचना शिक्षा संचार सलाहकार, कवि, कथाकार, और साहित्यकार हैं। उनकी रचनाएं साहित्य जगत में एक अलग पहचान रखती हैं। उनकी अब तक कई कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं और उनका कविता संग्रह “पहली बूंद नीली थी” कृति सम्मान से सम्मानित हो चुका है। इस संग्रह की विशेष ख्याति यह रही कि उनकी कविता “चोरी” का अनुवाद हिंदी के अलावा छह अन्य भाषाओं में किया गया है।
सशक्त लेखनी के 10 वर्ष
पिछले 10 वर्षों से सोनू यशराज साहित्य की विविध विधाओं में अपनी सशक्त लेखनी से नए आयाम स्थापित कर रही हैं। उनकी लेखनी समाज और मानवीय भावनाओं को गहराई से छूती है। इस प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान पर आशा शर्मा रहीं। जबकि तृतीय स्थान गरिमा जोशी पंत और शैली बक्षी खड़कोतकर को प्राप्त हुआ।
साहित्य जगत में एक नई प्रेरणा
सोनू यशराज की उपलब्धि साहित्य प्रेमियों के लिए प्रेरणास्रोत है। उनकी कहानी “उस रात” ने न केवल उनकी लेखनी की ताकत को साबित किया। बल्कि हिंदी साहित्य में एक नई दिशा भी दी।