Mahakumbh 2025: कौन है एंबेसडर कार वाले बाबा जो महाकुंभ में छाये टार्जन बाबा के नाम से : ट्रैफिक पुलिस भी नहीं करती रोक
संगम स्थल पर लगने वाले कुंभ में दुनिया भर के बाबाओं का जमावड़ा देखने को मिलता है। 12 साल में लगने वाले महाकुंभ में बाबाओं का आना शुरू हो चुका है।

इस लिस्ट में पहला नाम टार्जन बाबा का है जो प्रयागराज महाकुंभ में एक भगवा रंग की एंबेसडर कार से बाबा आए हैं। अपना नाम टार्जन बाबा बताते हैं। जिस गाड़ी से आए। उसका अब न रजिस्ट्रेशन बचा है न कोई कागज है। इसके बावजूद कोई रोकता नहीं। जांच के लिए जो ट्रैफिक पुलिसकर्मी खड़े होते हैं। वो भी मुस्कुराते हुए हाथ जोड़कर गाड़ी को आगे बढ़ने देते हैं। किसी से बात करना होता है। तो नागा बाबा गाड़ी में बैठकर ही बात करते हैं।
बाबा का असली नाम राज गिरि है। वह मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले हैं। पंचदशनाम जूना अखाड़े से जुड़े हैं। वह कहते हैं, मैं इसी गाड़ी से एमपी के इंदौर से आया हूं। यह गाड़ी मुझे 1998 में मुरादाबाद जिले के आरटीओ ने गिफ्ट की थी। बता दे की टार्जन बाबा की एंबेसडर कार का मॉडल 1972 है और ये कार पिछले चार साल से महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में उनका सहारा बनकर उनके साथ यात्रा करती है।
“एंबेसडर कार वाले बाबा” और “टार्जन बाबा” एक ही व्यक्ति हैं। जिनका असली नाम राज गिरि है। वे महाकुंभ में एक विशेष पहचान के रूप में उभरे है। राज गिरि ने अपनी एंबेसडर कार में महाकुंभ के आयोजन स्थल तक यात्रा की थी। जो उनकी एक अनूठी पहचान बन गई। इसके साथ ही उनकी लंबी जटाएं और हवन सामग्री से भरी एंबेसडर कार के कारण उन्हें “टार्जन बाबा” के नाम से भी जाना गया।
उनका नाम विशेष रूप से तब प्रसिद्ध हुआ जब उन्होंने महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं को प्रेरित किया और अपने अनूठे अंदाज के कारण मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरीं। उनके कार की छत पर लगे हवन सामग्री के साथ उनका अस्तित्व एक तरह से एक प्रतीक बन गया।