Rajasthan New Districts Political Impact: राजस्थान में तीन संभाग और 9 जिलों के खत्म होने पर सियासी घमासान: “पूर्ववर्ती गहलोत सरकार पर भाजपा का हमला”
राज्य के तीन संभाग और 9 जिलों को खत्म करने के निर्णय पर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। भाजपा नेता इस निर्णय को सही और कांग्रेस नेता इसे जनविरोधी साबित करने में जुटे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने अशोक गहलोत की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गहलोत ने अपनी अल्पमत सरकार बचाने के लिए विधायकों को खुश करने का रास्ता अपनाया। उन्होंने कहा कि आनन-फानन में नए जिलों की घोषणा कर दी गई। जो न केवल जनता की मांग से परे थी। बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया को भी दरकिनार कर दी गई थी। राठौड़ ने यह भी बताया कि गहलोत ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में समिति तो बनाई। लेकिन उन्हें भी इन फैसलों से अनजान रखा गया।
रामलुभाया समिति को अंधेरे में रखा गया
मदन राठौड़ ने खुलासा किया कि जब गहलोत सरकार ने नए जिलों की घोषणा की तो खुद रामलुभाया ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया। इससे स्पष्ट होता है कि समिति केवल दिखावे के लिए बनाई गई थी और असल निर्णय विधायकों को खुश करने के लिए लिया गया था। राठौड़ ने इसे “जिलों की रेवड़ियां बांटने” जैसा कदम करार दिया।
राठौड़ ने बताया कि भाजपा सरकार ने नए जिलों को लेकर व्यवस्थित तरीके से काम किया। ललित के पंवार की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया। इस समिति ने राजस्थान की भौगोलिक, सांस्कृतिक और जनसंख्या की जरूरतों के आधार पर सभी जिलों की समीक्षा की। इसके बाद मंत्रीमंडल समिति और कैबिनेट बैठक में रिपोर्ट पेश की गई।
9 जिलों और 3 संभाग समाप्त करने का प्रस्ताव
भाजपा सरकार ने कैबिनेट बैठक में 9 जिलों और 3 संभागों को खत्म करने का प्रस्ताव रखा। इसके बजाय 41 जिले और 7 संभाग रखने का निर्णय लिया गया। यह फैसला जनता की मांग और प्रशासनिक दक्षता को ध्यान में रखकर लिया गया।
बिना प्रबंधन के की गई घोषणाएं: मदन राठौड़ ने गहलोत सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने नए जिलों की घोषणा तो कर दी, लेकिन उनके लिए कोई आर्थिक प्रबंधन, कार्यालय, और संसाधन की व्यवस्था नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार केवल अपनी कुर्सी बचाने में लगी रही और राज्य की जनता को उपेक्षित किया।
गहलोत-पायलट के बीच शीत युद्ध
राठौड़ ने गहलोत और सचिन पायलट के बीच की खींचतान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दोनों अपने-अपने खेमों के विधायकों के साथ होटलों में कैंप चलाते रहे। इस राजनीतिक अस्थिरता का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ा।
विधायकों को खुश करने के लिए बनाए जिले
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने आरोप लगाया कि समुचित आर्थिक प्रबंध व संसाधन जुटाए बगैर पूर्व सीएम गहलोत ने अल्पमत की सरकार बचाने में सहयोग करने वाले विधायकों को खुश करने के लिए नए जिले घोषित कर दिए। राठौड़ ने रविवार को नई दिल्ली में पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।
वोटों की फसल काटने के लिए बनाए नए जिले – चतुर्वेदी : भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने सेवानिवृत्त अधिकारी की समिति की रिपोर्ट आने से पूर्व ही केवल राजनीतिक दृष्टि से वोटों की फसल काटने के लिए आनन-फानन में 17 नए जिलों की घोषणा की थी। इतना ही नहीं गहलोत ने जिस दूदू को 3 माह पूर्व नगर पालिका बनाने की घोषणा की अपने चहेतों को खुश करने के लिए 3 माह के बाद दूदू को जिला बना दिया। उन्होंने रविवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता में यह बात कही। डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 5 साल तक सत्ता के संघर्ष में लगे रहे। अब एक साल से कांग्रेस लगातार भ्रम फैला रही है और उनकी पार्टी के नेता राजनीती कर रहे हैं।