PM Modi Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में संविधान पर की चर्चा: 2025 में संविधान को लागू हुए 75 वर्ष होने का जताया गौरव
इस कार्यक्रम की शुरुआत तीन अक्तूबर 2014 को हुई थी। इसे 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने लोगों को नए साल की शुभकामनाएं दीं। इसके अलावा पीएम मोदी ने संविधान पर भी बात की। ‘मन की बात’ के 117वें एपिसोड में पीएम मोदी ने कहा कि 2025 में 26 जनवरी को हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष होने जा रहे हैं। हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है। हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें जो संविधान सौंपा है।
22 भाषाओं और 29 बोलियों में टेलीकास्ट होती है मन की बात
पीएम मोदी की ‘मन की बात’ को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी ब्रॉडकॉस्ट किया जाता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं। इसके 62 एपिसोड को भीली बोली में भी अनुवाद किया गया है।
मन की बात की ब्रॉडकास्टिंग आकाशवाणी (Broadcasting All India Radio) के 500 से अधिक ब्रॉडकास्टिंग सेंटर द्वारा किया जाता है। पहले एपिसोड की टाइम लिमिट 14 मिनट थी। जून 2015 में इसे बढ़ाकर 30 मिनट कर दिया गया था।
मन की बात में पीएम इनका जिक्र किया
- 2025 में 26 जनवरी को हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष होने जा रहे हैं। हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है। हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें जो संविधान सौंपा है, वो समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। संविधान हमारे लिए गाइडिंग लाइट है। हमारा मार्गदर्शक है।
- देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए http://constitution75.com नाम से एक खास वेबसाइट भी बनाई गई है। इसमें आप संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपना वीडियो अपलोड कर सकते हैं।
- अलग-अलग भाषाओं में संविधान पढ़ सकते हैं। संविधान के बारे में प्रश्न भी पूछ सकते हैं। ‘मन की बात’ के श्रोताओं से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से कॉलेज में जाने वाले युवाओं से मेरा आग्रह है, इस वेबसाइट पर जरूर जाकर देखें। इसका हिस्सा बनें।
- महाकुंभ की विशेषता केवल इसकी विशालता में ही नहीं है, कुंभ की विशेषता इसकी विविधता में भी है। इस आयोजन में करोड़ों लोग एक साथ एकत्रित होते हैं। लाखों संत, हजारों परम्पराएं, सैकड़ों संप्रदाय, अनेकों अखाड़े, हर कोई इस आयोजन का हिस्सा बनता है। कहीं कोई भेदभाव नहीं दिखता है कोई बड़ा नहीं होता है कोई छोटा नहीं होता है। अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा।
बस्तर Olympic की तारीफ
पीएम ने कहा कि बस्तर में एक अनूठा Olympic शुरू हुआ है। बस्तर Olympic से बस्तर में एक नई क्रांति जन्म ले रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे लिए ये बहुत ही खुशी की बात है कि बस्तर Olympic का सपना साकार हुआ है। आपको भी ये जानकार अच्छा लगेगा कि यह उस क्षेत्र में हो रहा है, जो कभी माओवादी हिंसा का गवाह रहा है।