‘Padharo Mhare Desh Bharat’: जयपुर के झालाना में ‘पधारो म्हारे देश भारत’ शिखर सम्मेलन: सांस्कृतिक धरोहर, पर्यावरणीय स्थिरता और वैश्विक सहयोग का अद्भुत संगम
जयपुर के झालाना स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में ‘पधारो म्हारे देश भारत’ शिखर सम्मेलन, प्रदर्शनी और पुरस्कार समारोह का आयोजन हुआ। इस भव्य आयोजन की मेज़बानी नार्ली ट्रूप ग्लोबल फेडरेशन ने की जिसका उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना। पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना और वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहित करना था।
केंद्रीय पर्यटन, कला और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उनके साथ हवामहल विधायक बालमुकुन्दाचार्य, आरएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर खराड़ी, और नार्ली ट्रूप ग्लोबल फेडरेशन के अध्यक्ष अमरजीत सिंह नार्ली सहित कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं। अपने उद्घाटन भाषण में गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे एक “आंदोलन” करार दिया और कहा “यह आयोजन ‘मेरा देश, मेरी ज़िम्मेदारी, मेरा गौरव’ के मंत्र को साकार करता है। जयपुर जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर में इसका आयोजन होना गर्व की बात है।
आयोजन का विज़न और उद्देश्य
नार्ली ट्रूप ग्लोबल फेडरेशन के अध्यक्ष अमरजीत सिंह नार्ली ने इस आयोजन का विज़न साझा करते हुए कहा कि “हमारा लक्ष्य भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाना है। यह पहल हमारी परंपराओं को संरक्षित करने के साथ-साथ उन्हें आधुनिक समय के साथ जोड़ने का प्रयास है।
गणमान्य व्यक्तियों के विचार
हवामहल विधायक बालमुकुन्दाचार्य ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे सांस्कृतिक और आधुनिकता के संगम का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। आरएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर खराड़ी ने कहा कि यह पहल भारत के पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर को नई दिशा देने में सहायक सिद्ध होगी। सनातन आंदोलन के जय आहूजा और भाजपा नेता राजेश गुर्जर ने इसे सांस्कृतिक संरक्षण का एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा,
यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करने और उन्हें वैश्विक मंच पर ले जाने का महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा।
जयपुर आयोजन के लिए आदर्श स्थान
जयपुर जिसे भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक माना जाता है। इस आयोजन के लिए आदर्श स्थान था। यह शहर न केवल भारत के प्राचीन गौरव का प्रतिबिंब है। बल्कि आधुनिक संभावनाओं का प्रतीक भी है।’पधारो म्हारे देश भारत’ सम्मेलन ने जयपुर को एक बार फिर भारत के सांस्कृतिक और पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित किया है।