“Navotkarsh Vikram Sanvat 2081:“नवोत्कर्ष विक्रम संवत 2081” कार्यक्रम आयोजित: राष्ट्र भूभाग नहीं, सनातन मूल्य और संस्कृति से जुड़ा विचार
जयपुर 22 दिसंबर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि राष्ट्र केवल एक भूभाग नहीं है बल्कि यह सनातन मूल्य और संस्कृति से जुड़ा एक विचार है। उन्होंने कहा कि “राष्ट्र प्रथम” की मानसिकता को प्रोत्साहित करना चाहिए। स्कूल में मिलने वाले संस्कार ही भविष्य की दिशा तय करते हैं।
मैकाले द्वारा शुरू की गई शिक्षा पद्धति की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इससे भारतीय संस्कृति को कमजोर करने के प्रयास हुए हैं। लेकिन सनातन धर्म को मिटाया नहीं जा सकता। क्योंकि यह हमारी रगों में समाया हुआ है।
एक होटल में आयोजित “नवोत्कर्ष विक्रम संवत 2081” कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति पर निरंतर प्रहार हुए हैं। फिर भी यह संस्कृति जीवंत है। उन्होंने प्राचीन भारतीय आविष्कारों और ज्ञान परंपरा की चर्चा करते हुए कहा कि वैदिक काल में स्थापित सिद्धांतों को पश्चिम ने बाद में अपनाया। उन्होंने बताया कि अंग्रेजों ने अपने गजट में लिखा था कि भारत में गुरुकुलों की संख्या ब्रिटेन से अधिक थी। राज्यपाल ने गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत, दशमलव पद्धति और वैदिक ज्ञान की महत्ता पर प्रकाश डाला।
नई शिक्षा नीति और इतिहास का महत्व
राज्यपाल ने कहा कि देश का गौरवशाली इतिहास शिक्षा पद्धति से ही उजागर होता है। भारतीयता के विचार से प्रेरित होकर नई शिक्षा नीति बनाई गई है, जिसका प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है। उन्होंने कहा, “जो अपने इतिहास को भूल जाते हैं, उनका भूगोल भी सिमट जाता है। वही कार्यक्रम में प्राचीन भारत के गौरवशाली शासकों और सनातन संस्कृति से जुड़ी चित्र प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया गया। इस अवसर पर पूर्व सांसद रामचरण बोहरा ने सभी का आभार व्यक्त किया।