Health Update: क्या होती है कपिंग थेरेपी?: दर्द से राहत और एंटी-एजिंग का एक प्रभावी तरीका
जब कोई व्यक्ति दर्द में होता है। तो वह इलाज के हर तरीके को अपनाने की कोशिश करता है। कपिंग थेरेपी के विशेषज्ञों का कहना है कि इस थेरेपी को एक बार जरूर आजमाइए। यह न केवल दर्द से राहत दिलाती है। बल्कि एंटी-एजिंग के लिए भी फायदेमंद है।
कपिंग थेरेपी क्या है?
कपिंग थेरेपी में विभिन्न आकार के कपों का इस्तेमाल किया जाता है। जो प्लास्टिक या कांच के हो सकते हैं। इन कपों को मरीज की समस्या के अनुसार शरीर के प्रभावित हिस्से पर रखा जाता है। कप के अंदर वैक्यूम पैदा किया जाता है। जिससे स्किन थोड़ी ऊपर उठ जाती है। इसके बाद उस हिस्से में सर्जिकल ब्लेड की मदद से हल्के हाथ से कट लगाए जाते हैं। इन कटों के जरिए दूषित रक्त बाहर निकलने लगता है। जिससे मरीज को राहत मिलती है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी फायदे होते हैं।
किस तरह की बीमारियों में कपिंग थेरेपी कारगर है?
एक्सपर्ट के अनुसार, कपिंग थेरेपी कमर दर्द, जोड़ों का दर्द, उच्च रक्तचाप, शुगर, माइग्रेन, थायरॉयड और पैरालिसिस जैसी समस्याओं में बहुत प्रभावी साबित हो सकती है। यह थेरेपी रक्त को शुद्ध करने का काम करती है और शरीर में रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाती है, जिससे व्यक्ति को समग्र स्वास्थ्य लाभ होता है।
किसे नहीं करानी चाहिए कपिंग थेरेपी?
कुछ विशेष परिस्थितियों में कपिंग थेरेपी से बचना चाहिए। जिन लोगों ने कभी सर्जरी या अंग प्रत्यारोपण (ट्रांसप्लांट) कराया हो उन्हें यह थेरेपी नहीं करानी चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं, कैंसर के मरीजों, स्किन एलर्जी और चिकनपॉक्स से पीड़ित व्यक्तियों को भी कपिंग थेरेपी नहीं करानी चाहिए।
कपिंग थेरेपी का बढ़ता चलन
नोएडा में प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर श्रवण कुमार बताते हैं कि बहुत से लोग कपिंग थेरेपी के बारे में जानने के बाद इसे आजमाते हैं। वे कहते हैं कि क्रिकेटर विराट कोहली और अन्य सेलिब्रिटी के हाथों में कपिंग थेरेपी के निशान देख कर कई लोग इस थेरेपी के बारे में पूछते हैं। जानकारी मिलने के बाद बहुत से लोग इसे अपनाते हैं और उन्हें इससे राहत भी मिलती है। खासकर जिम जाने वाले और स्पोर्ट्स करने वाले लोग इसे अधिक कराते हैं। क्योंकि यह उनके शरीर को आराम और रिकवरी में मदद करती है। कपिंग थेरेपी एक प्राकृतिक और प्रभावी इलाज है। जो न केवल दर्द से राहत दिलाता है। बल्कि शरीर की समग्र सेहत को बेहतर बनाने में मदद करता है।
कपिंग थेरेपी के प्रकार
- गीली कपिंग: त्वचा पर सुई से हल्का छेद करके रक्त को कप में प्रवाहित किया जाता है।
- सूखी कपिंग; त्वचा पर छेद नहीं किया जाता।
- सुई कपिंग; एक्यूपंक्चर सुइयों को लगाकर, हर सुई के ऊपर कप रखा जाता है।
- मसाज कपिंग: सक्शन बनाने के बाद, चिकित्सक कप को त्वचा पर घुमाता है।
- फ़ेशियल कपिंग: चेहरे पर छोटे सिलिकॉन कप लगाए जाते हैं।
- जल कपिंग: हर कप का एक तिहाई हिस्सा गर्म पानी से भरकर त्वचा पर उलटा करके चूसा जाता है।
- रनिंग कपिंग: सबसे पहले पूरे शरीर में कप लगाए जाते हैं, फिर खिंचाव के साथ कप को त्वचा के चारों ओर घुमाया जाता है।
- फ़्लैश कपिंग: शरीर के खास हिस्से पर बार-बार कप लगाए जाते हैं और फिर निकाले जाते हैं।