World Food Safety Day: खाद्य सुरक्षा दिवस: मिलावट की बढ़ती समस्या और सुरक्षित भोजन का महत्व
खाने-पीने की चीजों में मिलावट एक गंभीर और बढ़ती हुई समस्या बन चुकी है, जो लोगों के स्वास्थ्य को सीधे तौर पर प्रभावित कर रही है। किचन के सामानों से लेकर खाने-पीने की चीजों में मिलावट आम बात हो गई है।

खाने-पीने की चीजों में मिलावट न हो, इसे रोकने की जिम्मेदारी फूड एंड ड्रग विभाग की है। हालांकि, विभाग की कार्रवाई नाकाफी साबित हो रही है। नियमित कार्रवाई की कमी के कारण मिलावटखोरों को किसी प्रकार की कोई रोक-टोक नहीं है, और वे अपने काले धंधे को फलते-फूलते देख रहे हैं।
हर साल 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों में स्वच्छ, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोजन के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाना है। यह दिन इस बात की याद दिलाता है कि स्वस्थ जीवन के लिए सुरक्षित भोजन कितना आवश्यक है। यदि कोई व्यक्ति स्वस्थ और सुरक्षित भोजन नहीं करता है, तो वह कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकता है।

खाद्य सुरक्षा का महत्व
हमारी ज़िंदगी में जितना महत्व हवा और पानी का है। उतना ही भोजन का भी है। स्वास्थ्य के लिए अच्छा और स्वच्छ भोजन अत्यंत आवश्यक है। अगर हम सही और सुरक्षित भोजन नहीं करेंगे तो हम न केवल अपनी सेहत को नुकसान पहुँचाएंगे। बल्कि समाज में कई तरह की बीमारियाँ भी फैल सकती हैं।
मिलावट की समस्या और समाधान
मिलावट को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं, जैसे कि खाद्य सुरक्षा विभाग का नियमित निरीक्षण, कड़ी कानूनी कार्रवाई और जनता में जागरूकता फैलाना। लोगों को यह समझाना आवश्यक है कि मिलावटी सामान उनके स्वास्थ्य को कितना नुकसान पहुँचा सकता है।

खाद्य सुरक्षा और सरकार की जिम्मेदारी
सरकार और संबंधित विभागों को इस गंभीर समस्या पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक सख्त कदम उठाने चाहिए। ताकि लोग सुरक्षित और स्वच्छ भोजन कर सकें और उनका स्वास्थ्य दुरुस्त रहे।
क्या है विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का उद्देश्य
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर व्यक्ति तक सुरक्षित और पोषक आहार पहुंचे. भोजन में मौजूद बैक्टीरिया, विषैले पदार्थ, रसायन या अशुद्धताएं अनेक बीमारियों का कारण बन सकती हैं, जैसे फूड पॉइजनिंग, डायरिया, कैंसर आदि। इस दिन का मुख्य उद्देश्य सरकारों, उत्पादन कंपनियों, विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को जागरूक करना है कि भोजन की पूरी प्रक्रिया – उत्पादन से लेकर उपभोग तक – में स्वच्छता और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए

पहली बार कब मनाया गया खाद्य सुरक्षा दिवस
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पहली बार 7 जून 2019 को मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2018 में एक प्रस्ताव पारित कर इस दिन को आधिकारिक मान्यता दी थी। यह संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की संयुक्त पहल थी जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना है।

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2025 की थीम है
“Food Safety: Prepare for the Unexpected भोजन की सुरक्षा, अनपेक्षित परिस्थितियों के लिए रहें तैयार” इस थीम का उद्देश्य यह बताना है कि प्राकृतिक आपदाओं, महामारी या तकनीकी विफलताओं जैसे हालातों में भी खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित रखना कितना जरूरी है। इससे हमें सिखने को मिलता है कि हम सभी को खाद्य संकट की स्थितियों में सजग और तैयार रहना चाहिए।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस सिर्फ एक जागरूकता दिवस नहीं बल्कि यह हमारी जिम्मेदारी की याद है – खुद के लिए, अपने परिवार के लिए और समाज के लिए। सुरक्षित भोजन से ही स्वस्थ जीवन संभव है और स्वस्थ जीवन से ही एक मजबूत और उन्नत समाज बन सकता है।