Coronavirus Outbreak Updates: भारत में कोरोना के मामले बढ़े: नए वैरिएंट्स और मौतों की संख्या में इजाफा
कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। पिछले 21 दिनों में एक्टिव मामलों में 62 गुना की बढ़ोतरी देखी गई है। 16 मई को केवल 93 एक्टिव केस थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 5755 हो गई है।

केंद्र सरकार के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 391 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से 229 मामले केरल और गुजरात से हैं। कोरोना के कारण मौत का आंकड़ा अब बढ़कर 59 तक पहुंच गया है। 6 जून को 4 और मरीजों की मौत हो गई। जनवरी से 6 जून तक कोरोना के नए वैरिएंट्स के कारण कुल 59 मौतें हो चुकी हैं, जिनमें से 53 मौतें केवल पिछले 16 दिनों में हुई हैं।
राज्यों में स्थिति
दिल्ली में 5 जून को 5 महीने के एक बच्चे की कोरोना से मौत हो गई। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 18 मरीजों की मौत हुई है। अब तक कुल 11,298 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 48.54% मरीज ठीक हो चुके हैं। केवल 0.52% मामलों में मौत हुई है।
स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन्स
ओडिशा में गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल कोविड गाइडलाइन्स के तहत फिर से खोले गए हैं। शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड ने बताया कि जिन बच्चों को सर्दी, खांसी या बुखार जैसे हल्के लक्षण हैं, उन्हें स्कूल में मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। गंभीर लक्षण वाले बच्चों को घर पर आइसोलेट होने की सलाह दी गई है।
भारत में नए कोविड वैरिएंट्स
भारत के विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के बीच चार नए वैरिएंट्स सामने आए हैं: LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1। ये वैरिएंट्स दक्षिण और पश्चिम भारत से सीक्वेंसिंग में पाए गए हैं। हालांकि, इनमें से कोई भी वैरिएंट बहुत गंभीर नहीं है और WHO ने इन्हें ‘चिंताजनक’ नहीं माना है, बल्कि निगरानी में रखा है।
JN.1 वैरिएंट
JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।
अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।
JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।