Jaipur 297th foundation day 2024: जयपुर की स्थापना का 297वां वर्ष: ऐतिहासिक धरोहर और आधुनिक विकास का संगम
आज से 100 साल पहले जयपुर और आसपास के इलाकों में इस कहावत के जरिए कहा जाता था कि यदि आपने जयपुर नहीं देखा तो संसार में आकर क्या किया? 18 नवंबर 1727 को बसा यह गुलाबी शहर आज 297वां का हो गया । जयपुर शहर का निर्माण 1727 में आमेर के राजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा किया गया था। इसे न केवल एक शहर बल्कि भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में देखा जाता है।
जयपुर की स्थापना का इतिहास
जयपुर की स्थापना के समय आमेर की राजधानी में जल संकट और जगह की कमी की समस्या थी। जिसे सवाई जय सिंह द्वितीय ने हल करने के लिए एक नए आधुनिक शहर की नींव रखी। जयपुर का निर्माण वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण है। जिसमें विज्ञान और ज्योतिष के प्रति सवाई जय सिंह की रुचि भी स्पष्ट रूप से दिखती है।
जयपुर की संस्कृति और प्रसिद्ध स्थल
जयपुर को ‘पिंक सिटी'( Pink City) के नाम से भी जाना जाता है। यहां के प्रमुख स्थल जैसे- अंबर किला, नाहरगढ़ किला, हवामहल, शीश महल, गणेश पोल और जल महल शहर की ऐतिहासिक धरोहरों का प्रतीक हैं।
जयपुर को भारत का पेरिस क्यों कहा जाता है?
जयपुर को ‘भारत का पेरिस’ कहे जाने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। 1876 में इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के जयपुर दौरे के दौरान उनके स्वागत के लिए शहर को गुलाबी रंग से रंगा गया था। तब से ही जयपुर को ‘पिंक सिटी’ के नाम से जाना जाने लगा। गुलाबी रंग का चयन शहर की सौम्यता और मेहमाननवाजी को दर्शाता है। और यह रंग अब जयपुर की पहचान बन चुका है।
जयपुर का विकास
साल 1727 में स्थापित किया गया जयपुर शहर अब 9 मील के क्षेत्र में बसा हुआ था। लेकिन अब यह शहर कई किलोमीटर तक फैल चुका है और इसकी जनसंख्या 70 लाख के करीब पहुँच चुकी है। इसके विस्तार के बावजूद शहर की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित रखा गया है। जयपुर के तीन प्रमुख स्थल—जयपुर की ओल्ड सिटी, आमेर किला और जंतर-मंतर को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा प्राप्त है।
जयपुर के आधुनिक विकास
जयपुर के विकास में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। दिल्ली की तर्ज पर रिंग रोड का निर्माण शहर को प्रदेश के अन्य शहरों से जोड़ता है। इसके अलावा शहर में जाम से बचने के लिए रामनिवास बाग में दो मंजिला भूमिगत पार्किंग बनाई गई है। जिसमें एक साथ 1530 चार पहिया वाहन खड़े किए जा सकते हैं।
जयपुर में रोप वे की सुविधा भी शुरू की गई है। जैसे कि सामोद और खोले के हनुमानजी मंदिरों में दर्शन के लिए रोप वे का संचालन हो रहा है। और गढ़ गणेश मंदिर पर तीसरे रोप वे का निर्माण जारी है। इसके अलावा शहर में शूटिंग रेंज, झालाना पेंथर अभ्यारण, नई एयरपोर्ट टर्मिनल और बड़े शिक्षण संस्थान भी स्थापित किए गए हैं। जो न केवल शहर बल्कि प्रदेश के निवासियों के लिए भी सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।
जयपुर की स्थापना से लेकर आज तक यह शहर न केवल अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। बल्कि अब यह एक समृद्ध और विकसित मेट्रो सिटी के रूप में उभर कर सामने आया है। जयपुर आज भी अपने गौरवशाली अतीत और आधुनिकता का संगम प्रस्तुत करता है।