Coronavirus Outbreak Update: देश में फिर बढ़ने लगे कोरोना के केस: एक्टिव मामलों की संख्या 4300 पार
कोरोना वायरस ने एक बार फिर देश में दस्तक दे दी है। देश के कई राज्यों में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं देशभर में कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या 4302 पहुंच गई है।

ये मामले 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सामने आए हैं। मंगलवार को करीब 300 नए केस रजिस्टर्ड हुए हैं। सबसे ज्यादा 1373 एक्टिव केस केरल में हैं। वहीं महाराष्ट्र 510 केसों के साथ दूसरे नंबर है।
कोरोना के नए वैरिएंट्स से जनवरी से अब तक देश में 44 मौतें हो चुकी हैं। इनमें से 37 मरीजों की मौत बीते 5 दिन में हुई है। महाराष्ट्र में मंगलवार को 4 मरीजों ने जान गई है। राज्य में मरने वाला की संख्या 14 पहुंच गई है। इसके अलावा बीते दिन दिल्ली, गुजरात और तमिलनाडु में भी 1-1 मौत हुई है।
हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को कोरोना का पहला मामला सामने आया। इसके बाद राज्य सरकार ने देर रात एडवाइजरी जारी कर सभी हॉस्पिटल में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। वहीं केरल सरकार ने नई गाइडलाइन के तहत सभी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल को मॉक ड्रिल कराने का आदेश दिया है

ओमिक्रॉन वेरिएंट के नए स्वरूपों का फैलाव
वैश्विक स्तर पर कोविड मामलों की इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के नए रूप हैं। इनमें JN.1 वेरिएंट की शाखाएं LF.7 और NB1.8 प्रमुख हैं। JN.1, जिसे ‘पिरोला’ स्ट्रेन भी कहा जाता है। BA.2.86 वेरिएंट से निकला है और यह शरीर की मौजूदा इम्यूनिटी को पार कर सकता है। हालांकि इस नए वेरिएंट के लक्षण अब तक ओमिक्रॉन जैसे ही पाए गए हैं। लेकिन यह अधिक तेजी से फैलता है।
एलएफ.7 (LF.7) : एलएफ.7, जेएन.1 वैरिएंट का सब-लीनेज है जो भारत में सबसे प्रभावी स्ट्रेन बना हुआ है जो सभी सीक्वेंस सैंपलिंग का 53 प्रतिशत है। इस सब-वैरिएंट की निगरानी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा ‘निगरानी के अंतर्गत वैरिएंट’ के रूप में की जा रही है जिसका अर्थ है कि इनमें ऐसे म्यूटेशन हैं जो वायरस के व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन उन्हें अभी तक ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ या ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है।
फिलहाल NB.1.8.1 से जुड़ी कोई बड़ी लहर की संभावना नहीं जताई गई है, लेकिन इसके प्रसार को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर हमने लापरवाही बरती, तो यह वैरिएंट नई लहर की शुरुआत कर सकता है। वैज्ञानिक और हेल्थ एजेंसियां इसके हर मूवमेंट पर नज़र रख रही हैं।