Guru Nanak Jayanti 2024: आज गुरु नानक जी की 555वीं जयंती: क्यों मानते है गुरु नानक जयंती: गुरु नानक देव जी का सबसे बड़ा संदेश
आज पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई जा रही है। जिसे ‘गुरु पर्व’ भी कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण पर्व है जो कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। गुरु नानक देव जी सिख धर्म के पहले गुरु हैं। उन्होंने ईश्वर की एकता का प्रचार किया।
इस बात पर जोर दिया कि केवल एक दिव्य इकाई है। जो धार्मिक सीमाओं से परे है। गुरु नानक देव जी ने समाज से अज्ञानता को भगाने के लिए ज्ञान का प्रकाश किया। इसलिए उनकी जयंती को ‘प्रकाश पर्व’ भी कहा जाता है।
क्यों मानते है गुरु नानक जयंती
माना जाता है की श्री गुरु नानक देव जी ने समाज से अज्ञानता को भगाने के लिए ज्ञान का प्रकाश किया। इसलिए गुरु नानक देव जी की जयंती को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है। नानक देव जी की जयंती को ‘गुरु पर्व’ भी कहा जाता है।
बचपन से ही विद्रोही रहा स्वभाव
उनका जन्म भले ही एक हिन्दू परिवार में हुआ था। लेकिन जल्द ही उन्होंने इस्लाम और फिर व्यापक रूप से हिन्दू धर्म का अध्ययन करना शुरू कर दिया था। इसके कारण उनके भीतर बचपन में ही कवि और दर्शन की अद्भुत शक्ति आ गई। एक कहानी प्रसिद्ध है कि गुरु नानक देव जी केवल 11 साल की उम्र में विद्रोही हो गए थे। जबकि इस उम्र तक आते-आते हिन्दू लड़कों का यज्ञोपवीत संस्कार हो जाता है और वे पवित्र जनेऊ पहनना शुरू कर देते हैं। वहीं गुरु नानक जी ने इसे पहनने से इनकार कर दिया था। उनका कहा था कि हमें जनेऊ पहनने के बजाय अपने व्यक्तिगत गुणों को बढ़ाना चाहिए।
बेहतर जीवन के लिए नई राह दिखाई
साल 1496 में गुरु नानक देव की शादी हुई और उनका अपना एक परिवार भी था। इस बीच उन्होंने भारत और तिब्बत से लेकर अरब तक की आध्यात्मिक यात्रा की जो 30 सालों तक चलती रही। इस दौरान अध्ययन और पढ़े-लिखे लोगों से तर्क करते रहे इसी क्रम में उन्होंने सिख धर्म को आकार दिया और बेहतर जीवन के लिए अध्यात्म को स्थापित किया। धीरे-धीरे उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी। जिनको गुरु नानक देव जी ने तीन कर्तव्य बताए। इनमें प्रार्थना या सुमिरन कृत्य या काम और दान शामिल हैं।
गुरु नानक देव जी का सबसे बड़ा संदेश
मक्का पहुंचने से पहले नानक देव जी थककर आरामगाह में रुक गए। उन्होंने मक्का की ओर चरण किए थे। यह देखकर हाजियों की सेवा में लगा जियोन नाम का शख्स नाराज हो गया और बोला-आप मक्का मदीना की तरफ चरण करके क्यों लेटे हैं? नानक जी बोले- ‘अगर तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा तो खुद ही चरण उधर कर दो जिधर खुदा न हो’ नानक जी ने जियोन को समझाया– हर दिशा में खुदा है। सच्चा साधक वही है जो अच्छे काम करता हुआ खुदा को हमेशा याद रखता है।