Eid Ul Azha 2025: देशभर में अकीदत के साथ मनाई गई बकरीद: जानें कुर्बानी का महत्व
आज पूरे देश में मुस्लिम समुदाय ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार श्रद्धा और उल्लास के साथ मना रहा है। सुबह से ही मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा करने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।

नमाज के बाद कुर्बानी की रस्म निभाई जा रही है। यह त्योहार हज़रत इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की अल्लाह के प्रति भक्ति और समर्पण की मिसाल को याद करने के लिए मनाया जाता है।
ईद-उल-अजहा की कहानी हज़रत इब्राहीम से जुड़ी है। जिसमें वे अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे हज़रत इस्माईल की कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे। लेकिन, खुदा ने उन्हें एक जानवर दे दिया। इसलिए इस दिन एक बकरी, भेड़ या अन्य जानवर की कुर्बानी दी जाती है। बकरीद पर सबसे अहम रस्म होती है ‘कुर्बानी’ इस कुर्बानी के जरिए यह संदेश दिया जाता है कि अल्लाह की राह में कुछ भी कुर्बान करने का जज्बा रखना चाहिए।
क्यों दी जाती है कुर्बानी?
ईद-उल-अजहा हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। इस दिन इस्लाम धर्म के लोग किसी जानवर की कुर्बानी देते हैं। इस्लाम में सिर्फ हलाल के तरीके से कमाए हुए पैसों से ही कुर्बानी जायज मानी जाती है। कुर्बानी का गोश्त अकेले अपने परिवार के लिए नहीं रख सकता है इसके तीन हिस्से किए जाते हैं। पहला हिस्सा गरीबों के लिए होता है। दूसरा हिस्सा दोस्त और रिश्तेदारों के लिए और तीसरा हिस्सा अपने घर के लिए होता है। कैसे जानवर की कुर्बानी की जाती है? इस्लाम में ऐसे जानवरों की कुर्बानी ही जायज मानी जाती है जो जानवर सेहतमंद होते हैं। अगर जानवर को किसी भी तरह की कोई बीमारी या तकलीफ हो तो अल्लाह ऐसे जानवर की कुर्बानी से राजी नहीं होता है।

बकरीद का इतिहास
बकरीद का मूल भाव पैगंबर इब्राहिम की उस परीक्षा से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने अल्लाह के हुक्म पर अपने प्रिय पुत्र इस्माईल (अलैहिस्सलाम) की कुर्बानी देने का निश्चय किया था। पौराणिक मान्यता के अनुसार पैगंबर इब्राहीम को एक रात सपना आया। जिसमें उन्हें अपने सबसे प्यारे बेटे की कुर्बानी देने को कहा गया। उन्होंने इसे अल्लाह की आज्ञा मानकर पालन किया और अपने बेटे को लेकर कुर्बानी के लिए निकल पड़े। जब उन्होंने बेटे की आंखों पर पट्टी बांधी और बलिदान देने लगे, तब अल्लाह ने उनकी परीक्षा को सफल मानते हुए इस्माइल को बचा लिया और उसकी जगह एक मेंढ़ा (भेड़) भेज दिया। यह घटना इस बात का प्रतीक है कि सच्चे दिल से की गई भक्ति और समर्पण को अल्लाह स्वीकार करता है

पीएम मोदी ने बकरीद के मौके पर देशवासियों को दीं शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईद-उल-अजहा (बकरीद) के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस पवित्र अवसर पर समाज में एकता, शांति और सौहार्द की भावना को और मजबूत करने की अपील की
पीएम मोदी ने एक्स पर अपने संदेश में कहा, “ईद-उल-अजहा की ढेरों शुभकामनाएं यह पावन अवसर हमारे समाज में सद्भाव और शांति को और मजबूत बनाए – ऐसी मेरी कामना है। सभी को अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की शुभकामनाएं.” पीएम मोदी ने यह भी उम्मीद जताई कि यह पर्व सभी के जीवन में खुशहाली और आपसी समझ बढ़ाने का संदेश लेकर आएगा।