Rajasthan Jal Jeevan Mission Scam Case: 900 करोड़ का घोटाला, पूर्व मंत्री समेत 22 पर FIR: ईमेल जांच से हुआ खुलासा
जल जीवन मिशन (जेजेएम) में हुए करीब 900 करोड़ के घोटाले को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने पूर्व मंत्री महेश जोशी समेत 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में एसीबी की टीम को सबसे बड़ी और पहली लीड एक प्राइवेट ऑफिस सहायक मुकेश पाठक से मिली थी।
मुकेश से पूछताछ में सामने आया की फर्म मैमर्स श्री गणपति ट्यूबवेल के प्रोपराइटर महेश मित्तल और मैमर्स श्री श्याम ट्यूबवेल के प्रोपराइटर पदमचंद जैन के लिए 15 लाख रुपए में इरकॉन इंटरनेशनल कम्पनी के नाम से फर्जी सर्टिफिकेट बनाए गए थे।
मुकेश पाठक ने ही PHED के सभी ऑफिस से भी इन फर्जी प्रमाण पत्रों के संबंध में सत्यापन के ईमेल का जवाब भी दिया। ACB के DG रवि प्रकाश ने बताया उनकी टीम ने काफी समय तक इस पूरे केस पर काम किया। उनके पास जो जानकारी है। वह जांच करने के बाद सामने आई है। जांच में जो सामने आया वह एफआईआर में दी गई है।
साथ ही मुकेश पाठक ने PHED के सभी ऑफिस से भी इन फर्जी प्रमाण पत्रों के संबंध में सत्यापन के ईमेल का जवाब भी दिया। एसीबी ने इन सभी जानकारियों की पुष्टि के लिए मुकेश पाठक के जब्त मोबाइल फोन की एफएसएल जांच कराई। मुकेश पाठक के इण्डियन ओवरसीज बैंक के खाते में महेश मित्तल के ट्रांसफर किए गए पैसों की भी जानकारी मिली। सबूतों की पुष्टि होने पर एसीबी ने जांच को आगे बढ़ाया। इसके आधार पर एसीबी ने 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर की स्वीकृति मांगी। सरकार ने इसकी अनुमति दे दी थी।
एसीबी की जांच में सामने आया कि पदमचंद के खिलाफ एक शिकायत 16 फरवरी 2023 को दर्ज है। इसमें शिकायत करने वाले ने एसीएस पीएचईडी राजस्थान को मेल कर बताया था कि मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कम्पनी द्वारा इरकॉन के फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर पीएचईडी विभाग राजस्थान की टेंडरों में भाग लिया गया है। इसके बाद भी विभाग की ओर से इस पर एक्शन नहीं लिया गया।
एसीबी जांच में ये भी सामने आया कि वकील मनीष कलवानिया ने 16 मार्च और 20 मार्च को लीगल नोटिस मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवैल कम्पनी द्वारा इरकॉन के फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर पीएचईडी विभाग के टेंडर में भाग लेना व टेंडर लेने के सम्बंध में कार्रवाई के लिए प्रमुख शासन सचिव पीएचईडी जयपुर से लेकर तमाम अधिकारियों को दिया गया था। लेकिन किसी ने कोई एक्शन नहीं लिया।
जांच पूरी होने पर 18 जनवरी को 2024 को एसीबी ने एफआईआर दर्ज की थी। इसकी जांच एडिशनल एसपी एसीबी विशनाराम को दी गई थी। जांच के दौरान पुष्टि हुई कि भ्रष्टाचार और फर्जी बनाए गए। सर्टिफिकेट से टेंडर लिए गए। इनमें मुकेश पाठक और पदमचंद जैन के साथ अधिकारी भी शामिल रहे।
एसीबी के पास कुछ मेल आईडी थी। इन्हीं से टेंडर लिए गए थे। एसीबी ने इन सभी मेल आईडी पर काम करना शुरू किया। एसीबी ने मुकेश पाठक से पूछताछ की तो एसीबी को ईमेल आईडी mukeshpathakircon@gmail.com, ircon.mdwp@gmail.com irconmdwp@gmail.com, ircon.mdwp3@gmail.com, mukeshpathak.ipbtl@gmail.com, devindragehlot@gmail.com के संबंध में सूचना गूगल आईएनसी से मिली। जांच में पता चला कि mukeshpathakircon@gmail.com, ircon.mdwp3@gmail.com, mukeshpathak.ipbtl@gmail. com में रिकवरी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर मुकेश पाठक का है। irconmdwp@gmail.com में रिकवरी ईमेल आईडी devindragehlot@gmail.com नाम से ईमेल आईडी है। devindragehlot@gmail.com ईमेल आईडी में रिकवरी ईमेल आईडी Mehtarahul.rml@gmail.com और मोबाइल नंबर है। इस संबंध में मोबाइल नंबर मालिक रक्षित माथुर प्राइवेट सॉफ्टवेयर इंजीनियर फर्म सिगरो एंटरप्राइजेज जयपुर से जांच की गई।
पता चला कि ये ईमेल आईडी irconmdwp@gmail.com और डोमेन आईडी ircon.kukatpally@ircon.org.in ग्राहक देवेंद्र सिंह से तैयार करवाई थी। इस पर देवेंद्र सिंह की जांच की गई।
देवेंद्र सिंह ने बताया- वह श्याम ट्यूबवेल कंपनी और गणपति ट्यूबवेल के ऑनलाइन टेंडर भरने का काम करता था। पदमचंद जैन के कहने पर उसने ईमेल आईडी irconmdwp@gmail.com और डोमेन आईडी ircon.kukatpally@ircon.org.in रक्षित माथुर से तैयार करवाई थी। इसका पैसा पदमचंद जैन ने दिया था।
देवेंद्र सिंह के कंप्यूटर से एसीबी को दोनों फर्मो के टेंडर की सॉफ्ट कॉपी मिली। इन टेंडर की कॉपी की जांच में पूर्व मंत्री समेत 22 लोगों के नाम सामने आए।