BRICS Summit 2024 Agenda Explained: BRICS की 16वीं समिट रूस के कजान में: 28 देशों के राष्ट्र प्रमुख होंगे शामिल: पहली बार शामिल हो रहे ये 5 देश
रूस के कजान शहर में 22 से 24 अक्टूबर के बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2024 का आयोजन किया जा रहा है। क्या आप जानते हैं कि ब्रिक्स क्या है? भारत का दबदबा इस बार क्यों और बढ़ गया है? चार नए देशों को ब्रिक्स में शामिल कराने में भारत का क्या अहम योगदान है?
कजान में 16वें ब्रिक्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात होगी। भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच मोदी और जिनपिंग की यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। और आज pm मोदी भाषण देंगे।
दुनिया की तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं के समूह BRICS की 16वीं समिट रूस के कजान में हो रही है। रूस, चीन, ब्राजील, साउथ अफ्रीका समेत 28 देशों के राष्ट्र प्रमुख इसमें पहुंचे हैं। इस साल समिट की अध्यक्षता रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन कर रहे हैं। PM मोदी आज यहां भाषण देंगे। यूरोपियन यूनियन को पछाड़कर BRICS दुनिया का तीसरा सबसे ताकतवर आर्थिक संगठन बन चुका है। ग्लोबल GDP में EU के देशों की कुल हिस्सेदारी 14% है। वहीं BRICS देशों का हिस्सा 27% है। BRICS का अपना अलग बैंक भी है। जिसे न्यू डेवलेपमेंट बैंक के नाम से जाना जाता है। इसका हेडक्वार्टर चीन के शंघाई में है। यह सदस्य देशों को सरकारी या प्राइवेट प्रोजेक्ट्स के लिए लोन उपलब्ध कराता है। ‘राइजिंग इकोनॉमी’ के कॉन्सेप्ट पर बने इस ग्रुप में पिछले साल तक 5 देश ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे। इस साल UAE, ईरान, इजिप्ट और इथोपिया औपचारिक सदस्य बन जाएंगे। पिछले साल 34 और इस साल 40 देशों ने संगठन से जुड़ने की इच्छा जताई है।
तातार मुस्लिम आबादी
अधिकांश रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च में मान्यता रखने वाले ईसाई है। जबकि तातार मुख्य रूप से मुस्लिम तुर्क जातीय समूह है। जिनकी अपनी अलग भाषा और अलग संस्कृति है। देश में बहुमत रखने वाला रूसी समुदाय कजान में बराबर हो जाता है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शहर की आबादी में रूसी जातीयता वाले (48.6) और जातीय तातार (47.6%) समूह लगभग बराबर हैं। इस तरह यह शहर पुतिन के सपनों वाले रूस का प्रतिनिधित्व करता है। जहां यूरोप और एशिया के साथ ही अलग जातीयताओं और धर्मों का भी मिश्रण है।
ब्रिक्स क्या है?
ब्रिक्स (BRICS) पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतरराष्ट्रीय समूह है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। हालांकि, इस बार चार नए देश ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हो गए हैं। इसका उद्देश्य आर्थिक विकास, आपसी सहयोग और वैश्विक मंच पर सामूहिक आवाज उठाने के लिए एक मंच प्रदान करना है। वर्तमान में BRICS यूरोपियन यूनियन (EU) को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा ताकतवर आर्थिक संगठन बन चुका है।
BRIC शब्द कहां से आया?
इंटरनेशनल फाइनेंशियल कंसलटेंसी गोल्डमैन सैक्स से जुड़े ओ’नील ने BRIC शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले 2001 में अपने रिसर्च पेपर में किया था। उस रिसर्च पेपर का टाइटल था। ‘बिल्डिंग बेटर ग्लोबल इकोनॉमिक ब्रिक्स’
तीन स्टेज में बना BRICS संगठन
- RIC: 1990 के दशक में दुनिया की विदेश नीति में अमेरिका के दबदबे को चुनौती देने और आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए तीन देशों- रूस, इंडिया और चीन (RIC) ने मिलकर एक संगठन बनाया। उस वक्त समूह की अध्यक्षता रूसी नेता येवगेनी प्रिमाकोव ने की।
- BRIC : 2001 में इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने चार देशों- ब्राजील, रूस, इंडिया और चीन को इकॉनमी के लिहाज से विश्व की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया था। इसके बाद 2009 में इन चारों देशों ने मिलकर एक संगठन बनाया, जिसे BRIC नाम मिला।
- BRICS: 2010 में अफ्रीका महाद्वीप का प्रतिनिधित्व करने के लिए साउथ का इस समूह का हिस्सा बनाया। इसी के साथ संगठन का नाम BRICS हो गया। इसके बाद से यह वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
गूगल टॉप ट्रेंड में BRICS
ब्रिक्स (BRICS) के 16वें शिखर सम्मेलन का आयोजन शुरू होने से एक दिन पहले से ही ब्रिक्स गूगल ट्रेंड में टॉप पर बना हुआ है।