Baba Siddique: पप्पू यादव ने प्रशासन और लॉरेंस बिश्नोई को दी चुनौती
Jaipur: महाराष्ट्र में उद्योगपति-राजनेता बाबा सिद्दिकी की हत्या के बाद पप्पू यादव का एक विवादास्पद बयान सामने आया है। पप्पू यादव लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर गुस्से में हैं और उन्होंने खुलकर प्रशासन तथा लॉरेंस बिश्नोई को चुनौती दी है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर सुरक्षा के मुद्दे को लेकर भी कड़ा प्रहार किया है।
लॉरेंस बिश्नोई, जिस पर टिप्पणियां करने से बॉलीवुड के अभिनेता-अभिनेत्रियों से लेकर राजनीतिक नेता भी बचते हैं, पर पप्पू यादव ने खुलकर हमला बोला। बाबा सिद्दिकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है, जिसके बाद पप्पू यादव ने इस गैंग के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली। जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर यह भी आरोप है कि उसने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के खिलाफ हमले की योजना बनाई थी। यह मामला तब उभरा जब सलमान पर काला हिरण शिकार का आरोप लगा, जिससे बिश्नोई समाज नाराज हो गया। बिश्नोई समाज ने सलमान खान से माफी मांगने की शर्त रखी थी, लेकिन सलमान ने माफी नहीं मांगी और न ही बिश्नोई समाज ने उन्हें माफ किया। 2024 में सलमान खान के बांद्रा स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट पर फायरिंग हुई, जिसमें पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई का हाथ बताया।
पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x पर लिखा, “यह देश है या हिजड़ों की फौज? एक अपराधी जेल में बैठकर लोगों को मारने की चुनौती दे रहा है और सब चुप हैं। कभी मूसेवाला, कभी करणी सेना के मुखिया, और अब एक उद्योगपति को मार डाला। यदि कानून अनुमति दे, तो मैं 24 घंटे में इस लॉरेंस बिश्नोई जैसे दो टके के अपराधी के पूरे नेटवर्क को खत्म कर दूंगा।”
पप्पू यादव का विवादास्पद इतिहास
पप्पू यादव पर हत्या, अपहरण, मारपीट, बूथ कैप्चरिंग और आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर आरोप हैं। वे एक समय में बिहार के बाहुबली नेताओं में गिने जाते थे और 17 साल जेल में बिताने के बाद 2013 में कोर्ट से बरी हो गए। उनका राजनीतिक सफर और विवाद हमेशा चर्चा का विषय रहा है।
बाबा सिद्दिकी कौन हैं?
बाबा सिद्दिकी, जिनका असली नाम जैमुन सिद्दीकी था, बिहार के रहने वाले थे लेकिन उनकी पहचान मुंबई में बनी। वे अपने पिता के नाम पर अब्दुल रहीम मेमोरियल ट्रस्ट के माध्यम से बिहार के गरीब बच्चों को मुफ्त कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करते थे। उनकी हत्या के बाद उनके पैतृक गांव गोपालगंज में शोक का माहौल है।