Ratan Tata Pet Dog Goa: रतन टाटा की ज़िंदगी का अहम् हिस्सा है उन का पालतू कुत्ता “गोवा”
मशहूर इंडस्ट्रलिस्ट रतन टाटा के निधन से पूरा देश शोकाकुल हो गया है। उनकी मृत्यु ने सबको झकझोर कर रख दिया है। 86 साल की उम्र में रतन टाटा के प्राण त्यागने के बाद उनका परिवार और यहां तक कि उनके पालतू जानवर भी परेशान हो गए हैं।
रतन टाटा के पालतू कुत्ते का वीडियो आया सामने
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, इस वीडियो में स्वर्गीय रतन टाटा के पालतू कुत्ते को दिखाया गया है और यह भी दावा किया गया है कि उनके पालतू कुत्ते ने रतन टाटा के निधन के बाद से ही कुछ नहीं खाया है और वो अपने मालिक के चले जाने से व्याकुल हो उठा है। अंतिम संस्कार के दौरान रतन टाटा के पालतू कुत्ते की बेचैनी साफ देखने को मिल रही है।
कैसे मिला रतन टाटा को “गोवा”
रतन टाटा दिग्गज उद्योगपति तो थे ही उनका जानवरों के प्रति अगाध प्रेम भी था। टाटा के लिए ‘गोवा’ केवल एक पालतू जानवर नहीं था। वह बॉम्बे हाउस, टाटा समूह के कॉर्पोरेट मुख्यालय में एक ऑफिस साथी भी था। टाटा ने गोवा की एक यात्रा के दौरान इस आवारा कुत्ते को रेस्क्यू किया था और उसे मुंबई लाने का फैसला किया। उसका नाम उनके बचाव की जगह के नाम पर रखा।
ज़िंदगी का अहम् हिस्सा है गोवा
समय के साथ, ‘गोवा’ रतन टाटा के जीवन का एक प्रिय हिस्सा बन गया, जो टाटा के घर में अन्य कुत्तों के साथ रहता था। टाटा ने एक बार इंस्टाग्राम पर शेयर किया था कि इस दिवाली पर गोद लिए हुए बॉम्बे हाउस के कुत्तों के साथ कुछ दिल को छू लेने वाले पल, खासकर मेरे ऑफिस के साथी गोवा के साथ। जानवरों के प्रति उनका गहरा स्नेह जीवन भर स्पष्ट था, दो अन्य कुत्ते, टीटो और टैंगो भी उनके परिवार का हिस्सा थे।
रतन टाटा के कुत्ते को नहीं मिला खाना
टाटा का कुत्तों के प्रति प्यार जगजाहिर है। 2020 की दिवाली के दौरान, उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की थी जिसमें वे “बॉम्बे हाउस के गोद लिए गए कुत्तों” के साथ त्यौहार मना रहे थे, खास तौर पर गोवा के साथ, जो उनका “ऑफिस साथी” था।
सफेद पंजे वाले एक काले कुत्ते और उसकी नाक और माथे पर एक सफेद धब्बा ने गमगीन माहौल को और अधिक मार्मिक बना दिया।
इससे पहले दिन में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने याद किया कि वह और टाटा दोनों ही कुत्तों के प्रति समान प्रेम रखते हैं और कहा कि टाटा के सभी परिसरों में आवारा कुत्तों का स्वागत किया जाता है, चाहे वह ताज महल होटल हो या समूह का मुख्यालय बॉम्बे हाउस।
अपने बिजनेस को बुलंदियों पर पहुंचाया “रतन टाटा “
रतन टाटा ने 1991 से दिसंबर 2012 में अपनी रिटायरमेंट तक टाटा ग्रुप का लीड किया, इस दौरान उन्होंने कंपनी को 100 बिलियन डॉलर से अधिक कीमत की ग्लोबल पावर में बदल दिया। उनके नेतृत्व में, टाटा ग्रुप ने कई आयाम छुए, जगुआर लैंड रोवर और कोरस स्टील जैसे प्रसिद्ध ब्रांडों का टेकओवर किया।
रतन टाटा को मिला पद्म विभूषण रतन
टाटा सिर्फ बिजनेस तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने बढ़-चढ़कर चैरिटीज कीं, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास पर काम किया। कॉर्पोरेट जिम्मेदारी के लिए उनके नजरिए ने भारत और दुनिया भर में बिजनेस के लिए एक बेंचमार्क स्थापित किया। समाज और इंडस्ट्री में उनके योगदान के सम्मान में, टाटा को 2008 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।