Rajasthan Election 2024: राजस्थान की चौरासी सीट का तीन राज्यों से नाता: जानें कौनसी सीट के लिए मचा है ज्यादा घमासान
जुबेर खान के निधन के बाद खाली हुई अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों ने कमर कस ली है, भले ही अभी तक किसी भी दल ने चुनाव को लेकर प्रत्याशी घोषित नहीं की हो लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस जुबेर खान के छोटे बेटे आर्यन पर दांव खेलेगी, जुबेर खान के निधन से पैदा हुई सहानुभूति के सहारे इस चुनाव को जीतने की कांग्रेस कोशिश करेगी।
राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। संभवतया महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ इन उपचुनाव की तारीख भी घोषित कर दी जाएगी। राजस्थान में जिन 7 सीटों पर उपचुनाव हैं होने हैं, उनमें चौरासी सीट भाजपा और संघ के लिए साख का सवाल बन चुकी है।
राजस्थान में उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बीते दिनों डूंगरपुर पहुंचे, जहां उन्होंने चौरासी और सलूंबर विधानसभा कार्यकर्ताओं की संगठनात्मक बैठक ली। लेकिन, यह कोई संयोग नहीं है कि उप चुनाव कैंपेन की शुरुआत चौरासी विधानसभा से की गई है। हार्ड कोर ट्राइबल बेल्ट की यह सीट भजापा और आरएसएस के लिए साख का सवाल बन चुकी है। सूत्रों की मानें तो इस सीट पर उपचुनाव सबसे जबरदस्त होगा। भाजपा और संघ ने 2 महीने पहले से ही यहां बाहर से आए कुछ कार्यकर्ताओं की टीम तैनात कर दी है।
जुबेर खान के निधन के बाद उपचुनाव के लिए 7 वी सीट भी खाली
जुबेर खान के निधन के साथ ही राजस्थान विधानसभा में अब 7वीं सीट भी उपचुनाव के लिए खाली हो गई है। इनमें चौरासी, खींवसर, दौसा, झुंझुनू, देवली उनियारा, सलूंबर और रामगढ़ सीट शामिल हैं। जिन 7 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से चौरासी, खींवसर, दौसा, झुंझुनू, देवली उनियारा सीटों के विधायक लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं, जबकि शेष 2 सीटें सलूंबर तथा रामगढ़ विधायकों का निधन होने से खाली हुई हैं। सलूंबर सीट से बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा का भी हाल में बीमारी के बाद निधन हो गया था। पिछली गहलोत सरकार में भी सुजानगढ़, वल्लभनगर, धरियावद और सरदारशहर सीट विधायकों के निधन के चलते उपचुनाव के लिए खाली हुई थीं।
हालांकि अभी तक इन सात सीटों के उपचुनावों की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही कमर कस ली है. राजस्थान में होने वाले उपचुनाव को लेकर विधानसभा की सीटों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. लोकसभा चुनाव के चलते पहले 5 सीट खाली थी, लेकिन सलूंबर विधायक अमृत लाल मीणा के निधन से इनकी संख्या छह हो गई. बाद में रामगढ़ से कांग्रेस विधायक जुबेर खान के इंतकाल से इनकी संख्या अब 7 हो गई है. खान के निधन के बाद प्रदेश में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 66 रह गई है.
संघ के निशाने पर चौरासी ही क्यों?
सियासत की दिलचस्पी यह जानने में है कि चौरासी विधानसभा सीट में आखिर ऐसा क्या है कि भाजपा और संघ ने यहां अपनी पूरी ताकत यहां झौंक दी है। जबकि बीते दो विधानसभा चुनाव से यहां भारत आदिवासी पार्टी बड़े अंतर से चुनाव जीत रही है।
चौरासी सीट राजस्थान, एमपी और गुजरात तीनों राज्यों की सीमा पर स्थित है। इसका असर इन तीनों स्टेट पर पड़ता है।
थ्रर्ड फ्रंट तैयार करने में जुटे रोत।
बीएपी गंगानगर से लेकर बाड़मेर तक थ्रर्ड फ्रंट की संभावनाएं तलाश रही है। हालांकि, राजस्थान में पहले भी कई बार थर्ड फ्रंट तैयार करने की कमजोर कोशिशें हुई हैं। पिछले दिनों रोत बाड़मेर में आदिवासी सम्मेलन किया जिसमें 20 हजार से ज्यादा स्थानीय आदिवासी शामिल हुए। यहि वजह है कि बाड़मेर में आरएलपी के हनुमान बेनीवाल और निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी भी बीएपी के सांसद राजकुमार रोत के साथ मंच साझा कर चुके हैं।
पर्दे के पीछे रोत को क्यों साध रही भाजपा
चौरासी सीट राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद खाली हुई। भाजपा किसी तरह रोत से नजदीकी बढ़ाना चाहती थी। पिछले दिनों भाजपा के प्रभारी राधा मोहन दास ने रोत की तारीफ करते हुए यह बयान भी दिया था कि हम चाहते हैं कि रोत बड़े नेता बने और अपने क्षेत्र में मिलकर विकास के काम करें। हालांकि, रोत ने भाजपा के साथ जाने से मना कर दिया। हालांकि, भाजपा लोकसभा चुनाव में महेंद्रजीत मालवीय पर अपना दांव खेल चुकी है जो रोत से पहले ट्राइबल बेल्ट के सबसे कद्दावर नेता माने जाते थे। लेकिन, रोत ने लोकसभा चुनाव में उन्हें जोरदार पटखनी दे दी। अब भाजपा के पास यहां इस नए ट्राइबल नरेटिव को काउंटर करने के लिए कोई मजबूत पॉलिटकल लीडरशिप नहीं है।
जुबेर खान के निधन के बाद खाली हुई अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों ने कमर कस ली है, भले ही अभी तक किसी भी दल ने चुनाव को लेकर प्रत्याशी घोषित नहीं की हो लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस जुबेर खान के छोटे बेटे आर्यन पर दांव खेलेगी, जुबेर खान के निधन से पैदा हुई सहानुभूति के सहारे इस चुनाव को जीतने की कांग्रेस कोशिश करेगी।
क्या कहा पूर्व केंद्रीय मंत्री ने
अलवर शहर के एक रिसॉर्ट में रामगढ़ उपचुनाव को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है वह हर वादे पर मुकर गई है, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि चुनाव के समय धुव्रीकरण रोकना होगा।
बैठक में क्या कहा जितेन्द्र सिंह ने
बैठक में जितेन्द्र सिंह ने कहा कि रामगढ़ विधानसभा का उप चुनाव कांग्रेस पार्टी की प्रतिष्ठा का चुनाव है। दिवंगत विधायक जुबेर खान ने जो काम रामगढ़ में कराए हैं, उनके दम पर हम चुनाव जीतेंगे। राज्य की भाजपा सरकार की विफलताओं को भी हम जनता के बीच लेकर जाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि जुबेर खान ने जो रामगढ़ की जनता की सेवा की उसे भुलाया नहीं जा सकता। कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान जिसको भी रामगढ़ का टिकट देगा पूरी पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता उसके साथ मिलकर काम करेगा।