Iran Israel War: क्या इजरायल ईरानी न्यूक्लियर साइट पर नहीं करेगा हमला ? अमेरिका ने बता दिया प्लान: आखिर हमले पर क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप
Israel Iran Conflict: ईरान की ओर से इस हफ्ते इजरायल पर करीब 180 बैलिस्टिक मिसाइल दागने के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा हुआ है. इजरायल ने इस हमले के बाद ईरान को बड़ी कीमत चुकाने की धमकी दी थी. तभी से अटकलें हैं कि इजरायल जल्द ईरान पर जवाबी हमला करेगा।
कुछ रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि इजरायल ईरान के परमाणु संयत्रों को निशाना बना सकता है. हालांकि इजरायल ने इसे लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की है. इन सबके बीच अमेरिकी अधिकारियों ने इसे लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि परमाणु प्लांट पर हमले को लेकर इजरायल की प्लानिंग क्या है।
अमेरिका ने जताई समझदारी की उम्मीद
शुक्रवार को CNN को अमेरिकी विदेश विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि यह कहना वास्तव में कठिन है कि क्या इजरायल हमास के 7 अक्टूबर के हमलों की वर्षगांठ का उपयोग प्रतिशोध के लिए करेगा. जब CNN ने पूछा कि क्या इजरायल ने अमेरिका को आश्वासन दिया है कि ईरान के परमाणु स्थलों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, तो अधिकारी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि हमें कुछ समझदारी और ताकत देखने को मिलेगी, लेकिन जैसा कि आप लोग जानते हैं, कोई गारंटी नहीं है।
वहीं विदेश विभाग के एक सीनियर अफसर ने कहा, मुझे लगता है कि कुछ मायनों में वे सातवें हमले से बचना चाहेंगे, इसलिए मेरे अनुमान में, अगर कुछ होगा तो वह संभवतः पहले या बाद में होगा।
क्या है चिंता का विषय?
अमेरिकी राज्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने CNN को जानकारी दी है कि इज़राइल ने अभी तक बाइडेन प्रशासन को यह आश्वासन नहीं दिया है। कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला नहीं करेगा. यह आशंका तब और बढ़ गई है जब मंगलवार को ईरान ने इज़राइल पर बैलिस्टिक मिसाइल हमला किया था। इज़राइल की ओर से इस पर कोई प्रत्यक्ष जवाबी कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि इज़राइल जल्द ही जवाबी हमला कर सकता है।
ट्रंप ने कही है ये बात
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक के हालिया मिसाइल हमले के जवाब में इजरायल को ईरान की परमाणु
सुविधाओं को निशाना बनाना चाहिए. उनकी यह टिप्पणी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच मध्य पूर्व में “पूरी तरह से युद्ध” की संभावना नहीं है और इसे टाला जाना चाहिए। ट्रंप राष्ट्रपति बाइडेन से पूछे गए एक सवाल का जिक्र कर रहे थे, जिसमें 200 मिसाइलों के हमले के जवाब में इजरायल द्वारा ईरान की एटमी ठिकानों को निशाना बनाने की सभावना के बार में पूछा था। ढ़ते तनाव के बीच, अमेरिकी विदेश विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि इजरायल ने बाइडेन प्रशासन को इस तरह का कोई आश्वासन नहीं दिया है कि वह ईरान की परमाणु सुविधाओं को निशाना नहीं बनाएगा।
मंगलवार को 181 मिसाइलें इजरायल पर दागी थीं ईरान ने
ईरान ने 1 अक्टूबर की रात को इजरायल पर 181 बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार की, जिससे पूरे देश में हवाई हमले के सायरन बजने लगे और लगभग 10 मिलियन इजरायलियों को बम आश्रयों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था. ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने तेल अवीव के पास तीन इज़रायली सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए मिसाइल हमले की जिम्मेदारी ली थी. हालांकि ज़्यादातर मिसाइलों को रोक दिया गया था, लेकिन नुकसान और चोटों की छिटपुट रिपोर्टें थीं।
हमलों को रोक लिया था इजरायल ने, कुछ लोग हुए थे घायल
समाचार एजेंसी AFP ने बताया कि तेल अवीव में दो नागरिक छर्रे लगने से मामूली रूप से घायल हो गए थे, जबकि वेस्ट बैंक के शहर जेरिको में एक फ़िलिस्तीनी नागरिक की मिसाइलों में से एक के मलबे से मौत हो गई. इजरायली सेना ने तुरंत घोषणा की कि तत्काल खतरा टल गया है, और नागरिकों को एक घंटे के बाद बम आश्रयों से बाहर निकलने की अनुमति दी गई।
IDF का दावा- 250 हिज़्बुल्लाह लड़ाकों का खात्मा
इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने दावा किया है कि इजरायल पिछले चार दिनों में हिज्बुल्लाह के 2000 से अधिक सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया है और लगभग 250 हिज़्बुल्लाह लड़ाकों को खत्म कर दिया हैआईडीएफ के मुताबिक, मारे गए हिज़्बुल्लाह कमांडरों में पांच बटालियन कमांडर, 10 कंपनी कमांडर और छह प्लाटून कमांडर शामिल थे।
बाइडन ने की है परमाणु और बिजली प्लांट पर हमला न करने की अपील
अमेरिकी अधिकारियों ने इस सप्ताह की शुरुआत में ईरान के मिसाइल हमले के लिए इजरायल और उसकी प्रतिक्रिया का समर्थन किया था. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है, जैसा कि किसी भी देश को होता है. इज़रायल की प्रतिक्रिया के संदर्भ में, निश्चित रूप से, इस हमले के लिए ईरान के लिए परिणाम होने चाहिए. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ईरान की परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाने के इजरायल के विचार का विरोध किया।