SPG India : भारत के ऊर्जा भविष्य के लिए साहसिक अन्वेषण का आह्वान

SPG India 2025 सम्मेलन जयपुर में Energy Self-Reliance India और Deepwater Exploration पर मंथन हुआ। ओएनजीसी, ऑयल इंडिया और पेट्रोलियम मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने तकनीकी नवाचार और जियोसाइंस के माध्यम से भारत के ऊर्जा भविष्य की दिशा तय की।
जयपुर में आयोजित SPG India2025 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता, डीपवाटर अन्वेषण और तकनीकी नवाचार पर मंथन हुआ। पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन, ओएनजीसी चेयरमैन अरुण कुमार सिंह व ऑयल इंडिया सीएमडी डॉ. रंजीत रथ ने ऊर्जा भविष्य के लिए साहसिक कदमों का आह्वान किया।
भारत के ऊर्जा भविष्य के लिए साहसिक अन्वेषण का आह्वान
जयपुर में एसपीजी-इंडिया 2025 सम्मेलन का भव्य शुभारंभ

जयपुर : भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सोसाइटी ऑफ पेट्रोलियम जियोफिजिसिस्ट्स (एसपीजी-इंडिया) का 15वां द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी “रॉक टू क्लाउड: जियो-एक्सप्लोरेशन एम्पावरिंग एनर्जी इवोल्यूशन” का शुभारंभ जयपुर एक्सिबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (JECC) में हुआ।
इस भव्य आयोजन का उद्घाटन पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) के सचिव श्री पंकज जैन (IAS) ने किया।
कार्यक्रम में ओएनजीसी के चेयरमैन एवं सीईओ श्री अरुण कुमार सिंह, ऑयल इंडिया लिमिटेड के सीएमडी डॉ. रंजीत रथ, ओएनजीसी के निदेशक (अन्वेषण) श्री ओ.पी. सिन्हा, तथा एसपीजी-इंडिया के अध्यक्ष श्री रणबीर सिंह की विशेष उपस्थिति रही।
“भारत के पास अब क्रमिक प्रगति का समय नहीं” — पंकज जैन

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पेट्रोलियम सचिव श्री पंकज जैन ने कहा कि भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए अब पारंपरिक दृष्टिकोण पर्याप्त नहीं।
उन्होंने कहा — “भारत अब incremental progress (क्रमिक प्रगति) का विलास नहीं उठा सकता। हमें साहसिक और तेज़ निर्णय लेने होंगे।”
जैन ने कहा कि आने वाले वर्षों में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण होगी।
उन्होंने कहा — “यह मायने नहीं रखता कि तेल और गैस उत्पादन का शिखर कब आएगा, मायने यह रखता है कि हम नई खोजों के लिए कितने साहसी हैं।”
उन्होंने राष्ट्रीय डीपवाटर मिशन के तहत नवाचार-आधारित और समयबद्ध रणनीतियाँ अपनाने की अपील की।
उनके अनुसार, “ऊर्जा आत्मनिर्भरता केवल लक्ष्य नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जिम्मेदारी है।”
“प्रौद्योगिकी ही अगली खोजों की कुंजी” — अरुण कुमार सिंह

ओएनजीसी के चेयरमैन एवं सीईओ अरुण कुमार सिंह ने कहा कि भारत अब तकनीकी क्रांति के युग में प्रवेश कर चुका है।
उन्होंने कहा कि डीपवाटर मिशन को गति देने के लिए ओएनजीसी सीस्मिक इमेजिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डेटा एनालिटिक्स जैसी उन्नत तकनीकों का प्रयोग बढ़ा रही है।
उन्होंने कहा — “तकनीकी नवाचार ही भविष्य की खोजों का निर्धारण करेगा और भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में निर्णायक रूप से आगे बढ़ाएगा।”
“अन्वेषण की निरंतर खोज में बेचैन रहें” — डॉ. रंजीत रथ

ऑयल इंडिया लिमिटेड के सीएमडी डॉ. रंजीत रथ ने कहा कि भारत विश्व के सबसे संभावनाशील हाइड्रोकार्बन अन्वेषण गंतव्यों में से एक है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लागू की गई नीतियाँ —
ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OALP), हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन एंड लाइसेंसिंग पॉलिसी (HELP) और ऑफशोर बिडिंग राउंड्स — ने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी है।
डॉ. रथ ने वैज्ञानिकों और जियो-विज्ञान समुदाय से आह्वान किया कि वे “अन्वेषण की निरंतर खोज में बेचैन रहें।”
उन्होंने विशेष रूप से अल्ट्रा-डीपवाटर क्षेत्रों में अनुसंधान और नई खोजों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
“रॉक टू क्लाउड” — डेटा-ड्रिवन अन्वेषण युग का प्रतीक :
ओएनजीसी के निदेशक (अन्वेषण) श्री ओ.पी. सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि “रॉक टू क्लाउड” विषय भारत की नई सोच को दर्शाता है —
जहां ऊर्जा खोज केवल भूगर्भ तक सीमित नहीं, बल्कि डेटा, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि उद्योग, अकादमिक संस्थान और सरकार के बीच सहयोग ही भारत के sedimentary basins की अपार संभावनाओं को साकार करेगा।
सम्मान और प्रकाशन
कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ भू-विज्ञानी श्री जी.सी. कटियार को बी.एस. नेगी कन्वेंशन गोल्ड मेडल और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
साथ ही एसपीजी 2025 सम्मेलन स्मारिका और जियोहोराइजन्स (GEOHORIZONS) पत्रिका का विशेष अंक भी जारी किया गया।
विश्वस्तरीय तकनीकी प्रदर्शनी की झलक :
सम्मेलन के साथ लगी एसपीजी 2025 प्रदर्शनी का उद्घाटन श्री अरुण कुमार सिंह ने किया।
इस अवसर पर डॉ. रंजीत रथ भी मौजूद रहे।
प्रदर्शनी में विश्व की अग्रणी जियोसाइंस और ऊर्जा अन्वेषण कंपनियों की अत्याधुनिक तकनीकें, उपकरण और समाधान प्रदर्शित किए गए।
तीन दिवसीय सम्मेलन में ऊर्जा भविष्य पर मंथन :

यह तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आयोजन विश्वभर के जियोसाइंटिस्ट्स, नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और ऊर्जा विशेषज्ञों को एक मंच पर जोड़ रहा है।
सम्मेलन में तेल एवं गैस अन्वेषण, तकनीकी नवाचार और सतत ऊर्जा समाधान पर गहन विचार-विमर्श होगा।
इस आयोजन का उद्देश्य भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए एक ठोस रोडमैप तैयार करना है।
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