पाकिस्तान में टला पुलवामा जैसा बड़ा हमला, सुरक्षाबलों ने मार गिराए TTP के तीन आतंकी

पाकिस्तान में टला पुलवामा जैसा बड़ा हमला, सुरक्षाबलों ने मार गिराए TTP के तीन आतंकी
पाकिस्तान में एक बार फिर बड़ा आतंकी हमला टल गया है। देश के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सुरक्षाबलों ने शनिवार को एक ऑपरेशन के दौरान तीन आतंकियों को मार गिराया, जो कथित तौर पर पुलवामा जैसे आत्मघाती हमले की साजिश रच रहे थे। यह कार्रवाई पाकिस्तान आर्मी की ओर से एक खुफिया सूचना के आधार पर की गई, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने एक संभावित विनाशकारी आतंकी हमले को समय रहते नाकाम कर दिया।
‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR)’ द्वारा जारी बयान के मुताबिक, यह ऑपरेशन उत्तरी वजीरिस्तान जिले के झल्लार क्षेत्र में किया गया। बयान में कहा गया है कि खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से जुड़े आतंकवादी एक बड़े आत्मघाती हमले की योजना बना रहे हैं। आतंकियों ने एक वाहन पर बम फिट करके आत्मघाती हमला करने की तैयारी कर ली थी।
📍 कैसे हुआ पूरा ऑपरेशन
ISPR के अनुसार, सुरक्षाबलों को शुक्रवार देर रात खुफिया जानकारी मिली कि झल्लार इलाके में TTP से जुड़े तीन आतंकी छिपे हुए हैं और वे किसी बड़े हमले की योजना बना रहे हैं। इसके बाद इंटेलिजेंस-बेस्ड ऑपरेशन (IBO) चलाया गया।
जैसे ही पाकिस्तानी सेना ने इलाके को घेरा, आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद एक मुठभेड़ शुरू हो गई। कुछ घंटों तक चले इस ऑपरेशन में तीनों आतंकवादी मारे गए। इस दौरान सुरक्षा बलों ने उस वाहन को भी नष्ट कर दिया जिसमें बम लगाया गया था।
ISPR ने कहा कि यह अभियान “फितना अल-खवारिज” समूह से जुड़े आतंकियों के खिलाफ था। यह नाम पाकिस्तान सरकार TTP से जुड़े आतंकवादियों के लिए इस्तेमाल करती है। बयान के अनुसार, सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान जारी रखा है ताकि किसी और आतंकवादी को भी पकड़ा या खत्म किया जा सके।

💣 पुलवामा जैसी साजिश थी योजना
ISPR की रिपोर्टों के अनुसार, आतंकियों की योजना पुलवामा जैसे आत्मघाती हमले को अंजाम देने की थी। वे बम से लदे वाहन का इस्तेमाल करके किसी सैन्य ठिकाने या काफिले को निशाना बनाना चाहते थे। बताया जा रहा है कि अगर यह हमला होता तो दर्जनों लोगों की जान जा सकती थी।
इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि सुरक्षाबलों ने एक “बड़ी तबाही” को समय रहते टाल दिया है। सेना ने इस सफलता को अपने जवानों की सतर्कता और सटीक खुफिया नेटवर्क का नतीजा बताया।
⚔️ TTP और पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) पाकिस्तान में कई बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है। यह संगठन अफगानिस्तान में मौजूद तालिबान से वैचारिक रूप से जुड़ा हुआ है, लेकिन पाकिस्तान में सक्रिय रहता है। पिछले कुछ महीनों से TTP और पाकिस्तान के बीच टकराव लगातार बढ़ रहा है।
पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल TTP के आतंकवादी पाकिस्तान में हमले करने के लिए करते हैं। इस मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों में भारी तनाव है।
हाल ही में तुर्की में हुई एक बैठक में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रियों के बीच इस विषय पर कड़ी बहस हुई। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यहां तक कह दिया कि अगर TTP की गतिविधियाँ नहीं रुकीं तो पाकिस्तान “खुली जंग” के लिए तैयार है।
वहीं, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह अपनी जमीन किसी भी आतंकवादी गतिविधि के लिए इस्तेमाल नहीं होने देता। इससे पहले, दोनों देशों ने दोहा में हुई वार्ता में संघर्ष विराम (Ceasefire) का समझौता किया था, लेकिन वह अब टूट चुका है।

🔍 सुरक्षा बलों की बढ़ी जिम्मेदारी
पाकिस्तान में हाल के दिनों में TTP की गतिविधियाँ काफी बढ़ी हैं। खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के इलाकों में इस संगठन के आतंकवादी सक्रिय हैं। 2024 और 2025 में हुए कई हमलों में पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी और नागरिक मारे गए।
इस घटना के बाद सेना ने पूरे उत्तरी वजीरिस्तान और आस-पास के इलाकों में सुरक्षा सख्त कर दी है। सेना का कहना है कि देश में शांति और स्थिरता बनाए रखना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और किसी भी आतंकी साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
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