Jodhpur News : स्वदेशी कोई नारा नहीं, आत्मनिर्भर भारत का राष्ट्रीय संकल्प है : गजेन्द्र सिंह शेखावत

Jodhpur News : केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने फलोदी में आयोजित आत्मनिर्भर भारत कार्यशाला में कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग आत्मनिर्भरता और स्वदेशी के दर्शन से होकर गुजरता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वदेशी कोई नारा नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने न केवल आर्थिक क्षेत्र में, बल्कि तकनीकी, रक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की है।

कार्यशाला में शेखावत ने वर्ष 2014 से पहले की स्थिति का उल्लेख करते हुए बताया कि देश पॉलिसी पैरालिसिस और भ्रष्टाचार के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहा था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के निर्णायक फैसलों जैसे नोटबंदी, जीएसटी, डिजिटाइजेशन और पारदर्शी शासन व्यवस्था ने देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी। फर्जी राशन कार्डों की पहचान से सरकार को हर साल 24 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई, जबकि जीएसटी लागू होने के बाद कर संग्रह 65 हजार करोड़ से बढ़कर 2.34 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संकल्प है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत कभी दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल आयातक था, लेकिन आज हम मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के दूसरे सबसे बड़े निर्यातक बन चुके हैं। एप्पल जैसी बड़ी कंपनियां भारत में बड़े पैमाने पर मोबाइल निर्माण कर रही हैं, जो आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी सफलता है।
शेखावत ने रक्षा उत्पादन और स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। कोविड महामारी के समय भारत ने न केवल अपने लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन तैयार की। इस उपलब्धि को उन्होंने देश की सामर्थ्य और संवेदना दोनों का प्रतीक बताया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि आने वाली दिवाली पर “वोकल फॉर लोकल” अभियान को अपनाएं और विदेशी वस्तुओं के स्थान पर देशी उत्पाद खरीदें। शेखावत ने स्पष्ट किया कि जब हर भारतीय स्वदेशी अपनाएगा, तभी आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।
कार्यक्रम में राजस्थान पशु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष जसवंत सिंह विश्नोई, फलोदी विधायक पब्बाराम विश्नोई, नोखा के पूर्व विधायक बिहारीलाल विश्नोई और अन्य जनप्रतिनिधि एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यशाला से पहले शेखावत बीकानेर से फलोदी पहुंचे और जांबा धाम स्थित श्री जम्भेश्वर भगवान के मंदिर में धोक अर्पित किया। उन्होंने संत महात्माओं का आशीर्वाद प्राप्त किया और भगवान की भक्ति में झूले। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने श्री गुरु जम्भेश्वर मंदिर में आयोजित देव प्रतिष्ठा महोत्सव और श्री जाम्भाणी सत्संग कथा ज्ञान यज्ञ में सम्मिलित होकर कथा का श्रवण किया।
शेखावत ने इस अवसर पर कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता सिर्फ आर्थिक या तकनीकी क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के प्रत्येक नागरिक का दायित्व और राष्ट्रीय संकल्प है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाने का मतलब केवल घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता देना नहीं है, बल्कि अपने देश की क्षमता, संस्कृति, तकनीक और संसाधनों पर भरोसा करना भी है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे अपने स्तर पर जनता को इस राष्ट्रीय संकल्प की महत्ता समझाएं और स्वदेशी अपनाने को जीवन का हिस्सा बनाएं।
कार्यशाला के दौरान केंद्रीय मंत्री ने निवेश, पर्यटन और रोजगार के नए अवसरों पर कई महत्वपूर्ण सत्र भी आयोजित किए। मध्य प्रदेश की निवेश और पर्यटन नीति को वैश्विक मंच पर पेश किया गया, जिससे प्रदेश के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। शेखावत ने बताया कि इस तरह के आयोजनों के माध्यम से मध्य प्रदेश न केवल अपनी धरोहर को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर रहा है, बल्कि पर्यटन को उद्योग के रूप में नई दिशा दे रहा है।
कार्यशाला में तकनीकी, पर्यटन और सांस्कृतिक क्षेत्रों में किए गए प्रयासों की जानकारी दी गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और निर्णायक नीतियों को उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया कि वे जनजागरूकता बढ़ाएं और “आत्मनिर्भर भारत” को व्यवहार में लाएं।
इस आयोजन ने स्पष्ट कर दिया कि स्वदेशी अपनाना सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि हर भारतीय का राष्ट्रीय दायित्व और देश की प्रगति का मार्ग है। शेखावत ने सभी से अपील की कि वे अपनी दैनिक जीवन में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता को अपनाएं, ताकि भारत वास्तव में विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बन सके
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