Rajasthan News : भीलवाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर की जन्मशताब्दी समारोह संपन्न, गहलोत-पायलट ने किया मूर्ति अनावरण

Rajasthan News : पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय शिवचरण माथुर की जन्मशताब्दी के अवसर पर भीलवाड़ा और माण्डलगढ़ में आयोजित कार्यक्रमों में उनकी और उनकी धर्मपत्नी स्वतंत्रता सेनानी सुशीला देवी माथुर की मूर्तियों का अनावरण किया गया। साथ ही श्री शिवचरण माथुर विकास एवं सेवा संस्थान, मांडलगढ़ के कार्यालय का लोकार्पण भी किया गया।
गहलोत और पायलट ने किया संयुक्त रूप से मूर्ति अनावरण
पथिक नगर कैंपस स्थित महिला आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने संयुक्त रूप से मूर्ति अनावरण किया। इस अवसर पर गहलोत ने कहा, “शिवचरण माथुर जी के साथ काम करने का अवसर मिला। वे युवा अवस्था में स्वतंत्रता सेनानी रहे और दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने प्रदेश को सुशासन दिया।”

पायलट ने दी श्रद्धांजलि
सचिन पायलट ने इस अवसर पर कहा, “शिवचरण माथुर जी ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में जनसेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उनकी निष्ठा और समर्पण आज भी प्रेरणास्रोत हैं।” उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी सुशीला देवी माथुर के महिला शिक्षा और सशक्तिकरण के क्षेत्र में योगदान को भी रेखांकित किया।

माण्डलगढ़ में संस्थान कार्यालय का लोकार्पण
इसी क्रम में माण्डलगढ़ में श्री शिवचरण माथुर विकास एवं सेवा संस्थान के कार्यालय का लोकार्पण सचिन पायलट ने किया। उन्होंने कहा कि यह संस्थान माथुर जी की लोकसेवा और विकास के प्रति समर्पण की भावना को आगे बढ़ाएगा।

बड़ी संख्या में उपस्थिति
कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री एम एम पल्लम राजू, एआईसीसी मीडिया डिपार्टमेंट चेयरमैन पवन खेड़ा, पूर्व मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, झुनझुनू सांसद बृजेन्द्र सिंह ओला, दौसा सांसद मुरारी लाल मीणा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

माथुर का राजनीतिक सफर
शिवचरण माथुर ने 1981-1985 के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय भूमिका निभाई और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी पत्नी सुशीला देवी माथुर ने महिला आश्रम संस्थान की स्थापना कर समाज सुधार और महिला शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया।
यह कार्यक्रम माथुर दंपति की विरासत को संजोए रखने और आने वाली पीढ़ियों तक उनके आदर्शों को पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

