विजयादशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, देश में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन केवल रावण दहन ही नहीं होता, बल्कि भारतीय सेना और सुरक्षा बल भी अपने हथियारों की पूजा करते हैं। इस वर्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज मिलिट्री बेस पर पहुंचकर शस्त्र पूजन किया और जवानों को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने विशेष रूप से एल-70 एयर डिफेंस गन की पूजा की, जो हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को नाकाम करने में अहम भूमिका निभा चुकी है।
एल-70 एयर डिफेंस गन एक अपग्रेडेड 40 एमएम की स्वचालित गन है, जो मुख्य रूप से हवाई हमलों और ड्रोन से रक्षा के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसकी सबसे खास विशेषता यह है कि यह प्रति मिनट 300 गोलियां दागने में सक्षम है और 3.5 किलोमीटर की दूरी तक हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस गन ने पाकिस्तान की सीमा से भेजे गए ड्रोन को नष्ट करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके तेज और सटीक गोलाबारी के कारण सीमा सुरक्षा मजबूत हुई और संभावित खतरे को समय रहते नाकाम किया गया।
भुज में शस्त्र पूजा समारोह में राजनाथ सिंह ने सेना के बहादुर जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सेना देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी और आधुनिक हथियारों की मौजूदगी से देश की सामरिक शक्ति में वृद्धि हुई है। एल-70 गन की भूमिका इसे प्रमाणित करती है कि भारतीय सेना न केवल मानव बल पर बल्कि अत्याधुनिक हथियारों पर भी भरोसा करती है।
इस मौके पर रक्षा मंत्री ने सर क्रीक इलाके में पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ने कई बार बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान की नीयत में हमेशा खोट रही। ऐसे में भारतीय सेना को अपनी तैयारियों को लगातार मजबूत करना आवश्यक है। ऑपरेशन सिंदूर जैसी सफलताएं यह दर्शाती हैं कि भारत की सुरक्षा रणनीति बेहद संगठित और तकनीकी रूप से सशक्त है।
एल-70 एयर डिफेंस गन की तकनीकी विशेषताओं में उच्च गति वाले लक्ष्यों को भेदने की क्षमता, स्वचालित गोलाबारी, लंबी दूरी तक प्रभावी हमला और कठिन परिस्थितियों में भी सटीकता बनाए रखना शामिल है। ऑपरेशन सिंदूर में इसका इस्तेमाल यह दिखाता है कि भारतीय सेना सीमा सुरक्षा के लिए नवीनतम तकनीकियों का इस्तेमाल कर रही है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि एल-70 जैसी प्रणालियों की मौजूदगी से सीमा पार से आने वाले खतरे को समय रहते नष्ट किया जा सकता है।
विजयादशमी का दिन भारतीय संस्कृति और सैनिक परंपरा में खास महत्व रखता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और इसी दिन देशभर में शस्त्र पूजन का आयोजन होता है। रक्षा मंत्री द्वारा एल-70 एयर डिफेंस गन की पूजा यह संदेश देती है कि भारतीय सेना अपने जवानों और हथियारों दोनों को सम्मान देती है। यह समारोह सैनिकों के मनोबल को बढ़ाने और आम जनता में देशभक्ति की भावना को मजबूत करने का भी माध्यम बनता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आधुनिक हथियारों और तकनीकी कौशल का विकास भारतीय सेना की मजबूती का प्रतीक है। ऑपरेशन सिंदूर में एल-70 गन की भूमिका स्पष्ट करती है कि भारतीय सेना न केवल किसी भी संभावित हवाई खतरे का सामना करने के लिए तैयार है, बल्कि यह आतंकवाद और सीमा पार से आने वाले हमलों को रोकने में भी सक्षम है। यह गन सीमा सुरक्षा और देश की रक्षा में एक निर्णायक भूमिका निभाती है।

