Monsoon Update: इस बार मानसून ने तोड़े रिकॉर्ड: राजस्थान में 65% ज्यादा बारिश दर्ज
राजस्थान में मानसून विदाई से पहले मौसम फिर करवट लेने वाला है। नया पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होने से 27 और 28 सितंबर को पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में बारिश की संभावना है।

जयपुर राजस्थान में इस बार मानसून ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। वर्ष 1901 से लेकर 2025 तक के बीते 125 सालों में यह ऐसा दूसरा मौका है, जब राज्य में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बार प्रदेश में औसत से 65% ज्यादा बरसात हुई है। अब जबकि मानसून विदा लेने की कगार पर है, राज्य के अधिकांश हिस्सों में मौसम साफ होता जा रहा है, लेकिन इस बरसात की छाप लोगों की जिंदगी, जल स्रोतों और खेतों में साफ नजर आ रही है।
712.2 MM बारिश हुई अब तक, औसत से बहुत अधिक
राजस्थान में 1 जून से लेकर 24 सितंबर तक 712.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जबकि मानसून सीजन में औसतन 436.5 MM बारिश होती है। यह सामान्य से 65 फीसदी अधिक है। इतिहास में इससे पहले केवल साल 1917 में इससे ज्यादा बारिश हुई थी, जब कुल 844.2 MM बारिश रिकॉर्ड की गई थी।
किन जिलों से विदा हो चुका है मानसून?
राजस्थान के मौसम केंद्र ने बताया है कि अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, बूंदी, कोटा, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और उदयपुर जैसे जिलों से मानसून पूरी तरह लौट चुका है।
झालावाड़ और बांसवाड़ा के कुछ हिस्सों से मानसून की वापसी जारी है।
आगे कैसा रहेगा मौसम?
राज्य में गुरुवार (आज) और शुक्रवार (कल) बारिश की गतिविधियाँ धीमी रहेंगी।
हालांकि, 27 सितंबर से बंगाल की खाड़ी से एक नया सिस्टम आने वाला है, जिससे दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में फिर से हल्की से मध्यम बारिश शुरू हो सकती है। इससे कोटा, झालावाड़, बारां और उदयपुर जैसे जिलों में फिर नमी का असर देखने को मिल सकता है।
66% बांध ओवरफ्लो, लूणी नदी में भी पानी
बारिश का सीधा असर राज्य के जल स्रोतों पर भी दिखा है। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के 693 छोटे-बड़े बांधों में से 457 बांध पूरी तरह भरकर ओवरफ्लो हो चुके हैं।
132 बांधों में भी 10% से 95% तक पानी भर चुका है।
इतनी ज्यादा बारिश के कारण रेगिस्तान की लूणी नदी में भी 18 जुलाई को पानी आ गया। अजमेर और जोधपुर से होते हुए यह नदी जब बालोतरा के रेगिस्तानी इलाकों में पहुंची, तो स्थानीय लोग ढोल-थाली बजाकर और चुनरी चढ़ाकर पूजा करते नजर आए। लगातार तीसरे साल नदी में पानी आने से लोगों में खासा उत्साह देखा गया।
बारां बना बारिश का सिरमौर
इस मानसून सीजन में राजस्थान का सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला रहा — बारां।
यहाँ अब तक 1589 MM बारिश दर्ज हुई है, जबकि औसतन यहां 827 MM बरसात होती है। इसके अलावा, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बूंदी, दौसा, धौलपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, सिरोही और टोंक जैसे 12 जिलों में 1000 MM से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात
इस बार कई जिलों में बारिश इतनी जबरदस्त रही कि बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।
बूंदी, कोटा, सवाई माधोपुर, टोंक, पाली और भीलवाड़ा में निचले इलाके जलमग्न हो गए। बूंदी के नैनवां में तो एक ही दिन में 503 MM बारिश दर्ज की गई, जो इस महीने का एक दिन में सबसे ज्यादा आंकड़ा रहा। कई इलाकों में पानी भरने से लोगों की मौतें, फसलें बर्बाद, और कच्चे-पक्के घरों के ढहने जैसी घटनाएँ भी सामने आईं।

