Nari Shakti Yojana: राजस्थान की नारी शक्ति योजना में बैंकिंग प्रक्रिया में खामियां: महिला उद्यमियों को ऋण मिलने में देरी से चिंता
राजस्थान में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना लागू की गई है, लेकिन बैंकों के उदासीन रवैये की शिकायतें भी सामने आ रही हैं, जिससे महिलाओं को समय पर ऋण और आवश्यक सहयोग नहीं मिल पाता है।

जयपुर। महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना’ के तहत ऋण वितरण को लेकर बैंकों का रवैया चिंता का विषय बन गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बैंकों को भेजे गए आवेदनों में केवल 8% ही ऋण स्वीकृत हुआ है, जबकि 4,521 से अधिक आवेदन पेंडिंग हैं।
ऋण आवेदनों की स्थिति चिंताजनक
महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 4,142 आवेदन 90 दिनों से अधिक समय से पेंडिंग हैं। वित्त वर्ष के दौरान 30 जून तक विभाग ने बैंकों को 1,200 आवेदनों के लक्ष्य के मुकाबले 1,065 आवेदन ही भेजे, जिनमें से बैंकों ने सिर्फ 169 को स्वीकृत किया और ऋण केवल 97 आवेदकों को प्रदान किया गया।
राज्य स्तरीय बैकर्स कमेटी की हालिया बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव ने इस स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि हाल ही में लगभग 1,900 आवेदन बैंकों को भेजे गए, लेकिन ऋण स्वीकृत प्रतिशत 8% ही बना हुआ है।
मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना की विशेषताएं
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योजना का उद्देश्य लघु उद्योग चलाने वाली महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है।
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एकल महिला उद्यमी को 50 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है।
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स्वयं सहायता समूह और क्लस्टर-फेडरेशन के लिए 1 करोड़ रुपये तक का ऋण उपलब्ध है।
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सामान्य आवेदकों को 25% सब्सिडी प्रदान की जाती है।
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अनुसूचित जाति-जनजाति, विधवा, परित्यक्ता, हिंसा की शिकार और विकलांग महिलाओं के लिए 30% सब्सिडी का प्रावधान है।
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सब्सिडी की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये है।
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आवेदक का योगदान परियोजना प्रस्ताव का 5 से 10% होता है।
बैंकिंग व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता
महिला उद्यमियों को योजना का पूरा लाभ मिल सके इसके लिए बैंकों को अपने रवैये में सुधार लाना जरूरी है। लंबे समय से पेंडिंग पड़े आवेदन महिला उद्यमियों के मनोबल और आर्थिक विकास दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। सरकार और संबंधित विभाग इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए बैंकों के साथ समन्वय बढ़ाने पर काम कर रहे हैं।

