Hyderabad Flight’s Negligence On Jaipur Runway: जयपुर एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट की लैंडिंग में खलबली: 154 यात्रियों की सांसें अटकीं
जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गुरुवार सुबह एक बड़ा विमान हादसा टल गया। एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट IX-2870, जो हैदराबाद से जयपुर आ रही थी, लैंडिंग के समय अनस्टेबल अप्रोच के चलते रनवे पर टच डाउन होते ही दोबारा टेक-ऑफ करनी पड़ी। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम के कारण विमान में सवार 154 यात्रियों में अफरा-तफरी और घबराहट फैल गई।

घटना सुबह करीब 8:05 बजे की है जब फ्लाइट जयपुर एयरपोर्ट पर लैंडिंग के लिए अप्रोच कर रही थी। 8:08 बजे जैसे ही विमान रनवे को टच करने वाला था, पायलट ने स्थिति को देखते हुए दोबारा टेक-ऑफ कर लिया। इसके बाद फ्लाइट को होल्ड पर रखा गया और वह करीब आधे घंटे तक आसमान में चक्कर लगाती रही।
आखिरकार, तीसरे प्रयास में सुबह 8:40 बजे फ्लाइट की सुरक्षित लैंडिंग कराई गई। इस दौरान लैंडिंग का प्रभाव इतना तीव्र (हार्ड टचडाउन) था कि पीछे की सीटों पर बैठे कई यात्री उछल गए। यात्रियों ने बताया कि यह उनके जीवन का अब तक का सबसे डरावना हवाई अनुभव था।
क्या होता है ‘अनस्टेबल अप्रोच’?
जयपुर एयरपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “अनस्टेबल अप्रोच” का मतलब है कि पायलट लैंडिंग के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं होता — या तो टेक्निकल कारणों से या मानसिक रूप से फ्लाइट को रनवे पर सुरक्षित उतारने की स्थिति में नहीं होता।
ऐसे हालात में पायलट सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत ‘गो-अराउंड’ करता है यानी लैंडिंग की कोशिश को बीच में रोककर दोबारा टेक-ऑफ करता है और फिर से अप्रोच लेता है।
इस स्थिति में विमान को अतिरिक्त ईंधन खपत, यात्री असहजता और रनवे ट्रैफिक जैसे जोखिमों का सामना करना पड़ता है, लेकिन यात्री सुरक्षा प्राथमिकता रहती है।
दो बार प्रयास के बाद तीसरे में सफल लैंडिंग
इस फ्लाइट ने पहली बार लैंडिंग के समय टेक-ऑफ किया। दूसरे प्रयास में भी लैंडिंग नहीं हो सकी, जिसके बाद तीसरे प्रयास में जाकर फ्लाइट ने सफल लैंडिंग की।
हालांकि, कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, लेकिन यात्री मानसिक रूप से काफी डर गए। कुछ ने फ्लाइट से उतरने के बाद कहा कि “हमें लगा कुछ गलत होने वाला है।”
DGCA कर सकता है जांच
सूत्रों के अनुसार, DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) इस घटना को लेकर एयर इंडिया एक्सप्रेस से रिपोर्ट मांग सकता है। ऐसे मामलों में पायलट की रिपोर्ट, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और ATC संवाद की जांच की जाती है।

