राजस्थान हाईकोर्ट से आसाराम को अंतरिम जमानत को लेकर दायर की गई अपील में राहत नहीं मिली है। आसाराम को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी अपील की खारिज कर दिया है। आसाराम जनवरी 2025 से अंतरिम जमानत पर थे। कोर्ट ने अब उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद आसाराम को जोधपुर की सेंट्रल जेल में सरेंडर करना होगा। जस्टिस दिनेश मेहता व जस्टिस विनीत कुमार माथुर की बेंच ने अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाने की अपील की थी।
हाईकोर्ट ने 29 अगस्त तक अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाने के साथ ही निर्देश दिए थे कि अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में 3 वरिष्ठ चिकित्सकों का मेडिकल बोर्ड बनाया जाए। जिसमें 2 कार्डियक व 1 न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ को शामिल किया जाए। कोर्ट ने आसाराम की जांच के बाद मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट ईमेल के जरिए रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को भेजने के निर्देश दिए थे। बुधवार को आसाराम की अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाने पर सुनवाई के दौरान सिविल अस्पताल अहमदाबाद की रिपोर्ट का अवलोकन किया। कोर्ट ने अंतरिम जमानत को आगे बढाने से इंकार कर दिया।
रिपोर्ट- आसाराम की सेहत ठीक है
आसाराम की ओर से अधिवक्ताओं ने दलील दी कि फिलहाल गुजरात हाईकोर्ट से भी उन्हें 3 सितंबर तक अंतरिम जमानत मिली हुई है, इसलिए उनकी जमानत बढ़ाई जानी चाहिए। वहीं, सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता और राजकीय अधिवक्ता दीपक चौधरी ने कहा कि सिविल अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार आसाराम की सेहत ठीक है, इसलिए जमानत बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है।
तो चिकित्सकीय सुविधा ले सकते हैं
हाईकोर्ट ने रिपोर्ट देखने के बाद अंतरिम जमानत बढ़ाने से इंकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने आसाराम को स्वतंत्रता दी है कि यदि भविष्य में बीमारी की आशंका हो तो वे तत्काल चिकित्सकीय सुविधा ले सकते हैं और नए सिरे से हाईकोर्ट में आवेदन कर सकते हैं।


