Ganesh Chaturthi 2025: मोती डूंगरी गणेश मंदिर में 26 अगस्त को सिंजारा उत्सव, 3100 किलो मेहंदी से होगा विशेष पूजन
जयपुर राजधानी जयपुर स्थित ऐतिहासिक श्री मोती डूंगरी गणेश मंदिर में इस वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व बुधवार, 27 अगस्त 2025 को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर मंदिर में 9 दिवसीय भव्य महोत्सव का आयोजन होगा, जिसकी शुरुआत 20 अगस्त से होगी।

मंदिर के महंत पंडित कैलाश शर्मा ने बताया कि उत्सव की शुरुआत 20 अगस्त को भगवान गणेश को अर्पित मोदकों की विशाल झांकी से होगी। इसके बाद प्रतिदिन धार्मिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक आयोजनों की श्रृंखला चलेगी। हर दिन भक्तों की श्रद्धा और भक्ति के रंगों से मंदिर परिसर सराबोर रहेगा।
इस उत्सव के अगले दिन यानी 22 अगस्त की शाम 7 बजे मंदिर परिसर में ध्रुपद गायन कार्यक्रम होगा। मान्यता है कि भगवान श्री गणेश को ध्रुपद गायन सबसे प्रिय है, जिसके कारण इस दिन भजन संध्या ध्रुपद गायन के साथ शुरू की जाएगी। वहीं अगले तीन दिन यानी 23, 24 व 25 अगस्त की शाम को कत्थक नृत्य का कार्यक्रम होगा। 26 अगस्त को मेहंदी पूजन व सिंजारे का कार्यक्रम होगा, जबकि 27 अगस्त को जन्मोत्सव के दर्शन होंगे। 28 अगस्त को भगवान गणपति नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
मंदिर महंत कैलाश शर्मा ने बताया- 20 अगस्त बुधवार को मोदकों की भव्य झांकी मंदिर में भगवान श्री गणेश के समक्ष सजाई जाएगी। श्रद्धालुओं के लिए इस झांकी के दर्शन सुबह 5 बजे से शुरू हो जाएंगे। इस दिन मंदिर परिसर में बाहर से आया प्रसाद नहीं चढ़ाया जाएगा। झांकी का मुख्य आकर्षण 251-251 किलोग्राम के दो विशाल मोदक होंगे। इन दोनों के अलावा 51-51 किलोग्राम के 5 मोदक, 21-21 किलोग्राम के 21 मोदक, 1.25-1.25 किलोग्राम के 1100 मोदक और हजारों की संख्या में अन्य छोटे मोदक रखे जाएंगे। इस पूरी प्रसादी को बनाने में करीब 2500 किलोग्राम शुद्ध घी, 3 हजार किलोग्राम बेसन, 9 हजार किलोग्राम शक्कर और करीब 100 किलोग्राम सूखे मेवों का उपयोग किया जाएगा।
21 अगस्त: पंचामृत अभिषेक और कलश यात्रा
पुष्य नक्षत्र के पावन अवसर पर भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। इसमें 251 किग्रा दूध, 50 किग्रा दही, 25 किग्रा बूरा, 11 किग्रा शहद और 11 किग्रा घी का उपयोग होगा। साथ ही 501 महिलाएं कलश यात्रा लेकर मंदिर पहुंचेंगी।
22 से 26 अगस्त तक ध्रुपद व कत्थक
22 अगस्त की शाम 7 बजे मंदिर परिसर में ध्रुपद गायन कार्यक्रम होगा। अगले तीन दिन यानी 23, 24 व 25 अगस्त की शाम को कत्थक नृत्य का कार्यक्रम होगा।
26 अगस्त: सिंजारा और मेहंदी पूजन
गणेश जन्मोत्सव से एक दिन पहले, 26 अगस्त को मोती डूंगरी गणेश मंदिर में सिंजारा उत्सव मनाया जाएगा। इस अवसर पर प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश को 3100 किलो मेहंदी धारण कराई जाएगी। यह विशेष मेहंदी पाली के सोजत से मंगवाई गई है। मेहंदी धारण के बाद इसे श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद रूप में वितरित किया जाएगा। वितरण की व्यवस्था मंदिर परिसर में पाँच स्थानों पर की गई है, जो रात्रि 7:30 बजे पूजा के बाद प्रारंभ होगी।
महिलाओं और कन्याओं के लिए डोरा और मेहंदी की अलग पंक्ति में व्यवस्था की गई है। साथ ही श्रद्धालु मोती सूत्र भी मंदिर में बांध सकते हैं। इस दिन रात्रि में भक्ति संध्या और जागरण का आयोजन होगा। शयन आरती रात्रि 10:00 बजे की जाएगी।
27 अगस्त को जन्मोत्सव, 28 अगस्त को भव्य शोभा यात्रा
इस उत्सव के मुख्य दिन यानी 27 अगस्त को जन्मोत्सव के दिन मंदिर परिसर में दर्शन सुबह चार बजे मंगला आरती के साथ शुरू हो जाएंगे। इसके बाद विशेष पूजन सुबह 11.20 बजे, श्रृंगार आरती 11.30 बजे, भोग आरती दोपहर 2.15 बजे, संध्या आरती शाम 7 बजे और शयन आरती रात्री 11.30 बजे होगी।
मंदिर की ओर से दर्शन के लिए आने वाले भक्तों के लिए विशेष गाइडलाइन तैयार की है। इसके अनुसार भक्तों को अपने साथ कैमरा व अन्य सामान आदि नहीं लाने का कहा गया है। जे.डी.ए. सर्किल से मन्दिर तक एवं एम.डी. रोड़ पर भैरव पथ से बेरिकेटिंग रहेगी। साथ में रिजर्व बैंक से मन्दिर तक बेरिकेटिंग की व्यवस्था की गई है।

