Shubhanshu Shukla ISS: मिशन से लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पर संसद में चर्चा: भारत के अंतरिक्ष भविष्य पर होगी बहस
ग्रुप कैप्टन शुधांशु शुक्ला के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और उसके बाद अपने गृहनगर लखनऊ जाने की उम्मीद है. उम्मीद है कि वह 22-23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में भाग लेने के लिए राजधानी लौटेंगे

लोकसभा में आज विशेष दिन है, जिसमें भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन और ISRO मिशन पायलट शुभांशु शुक्ला की अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) यात्रा और उसके बाद की वापसी पर व्यापक चर्चा होगी. यह सत्र “भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम और विकसित भारत 2047 में इसकी भूमिका” विषय पर आधारित है
भारत के अंतरिक्ष मिशन के प्रमुख व्यक्तित्व शुभांशु शुक्ला का रविवार सुबह दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और ISRO के अध्यक्ष वी. नारायणन भी मौजूद थे।
शुभांशु शुक्ला ने Axiom Mission‑4 के तहत जून-जुलाई में लगभग दो सप्ताह तक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मिशन संचालित किया। इस दौरान उन्होंने 60 से अधिक प्रयोग सफलतापूर्वक पूरे किए, जिनमें से कई प्रयोग सीधे ISRO के निर्देशन में थे।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा, “भारत का अंतरिक्ष गौरव अब भारतीय धरती को छू रहा है। मां भारती के प्रतिष्ठित सपूत शुभांशु शुक्ला का यह सफर देश की वैज्ञानिक दृष्टि और अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ते आत्मविश्वास का प्रतीक है।”
शुक्ला की यह उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है। शुभांशु शुक्ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे, उसके बाद वह अपने गृहनगर लखनऊ भी जाने की उम्मीद है। इसके अलावा, 22-23 अगस्त को आयोजित ISS समारोह में भाग लेने के लिए वह राजधानी लौटेंगे।
इस अवसर पर ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर भी मौजूद थे, जो भारत के पहले मानव मिशन ‘गगनयान’ के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। नायर को शुभांशु की यात्रा के दौरान ‘आरक्षित’ अंतरिक्ष यात्री के रूप में नामित किया गया था।
18 दिन अंतरिक्ष में रहे शुभांशु शुक्ला
बता दें कि शुभांशु शुक्ला 25 जून को एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए थे। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन रहे और 15 जुलाई को वापस लौटे। तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों – पैगी व्हिटसन (अमेरिका), स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीवस्की (पोलैंड) और टिबोर कापू (हंगरी) के साथ शुधांशु शुक्ला ने 18 दिवसीय मिशन के दौरान कई प्रयोग किए।

