Jaipur News: जयपुर में एजुकेशन का महाकुंभ: स्कून्यूज़ ग्लोबल एड-फेस्ट में गूंजे AI और शिक्षा के नए विचार
आज के समय में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से सभी घबराएं हुए हैं, जो चीज आर्टिफिशियल है, उससे घबराना किस बात का है। हमें तकनीक का गुलाम नहीं बनना, बल्कि उसे सूझबूझ के साथ इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। हमारी संस्कृति में गुरु को ईश्वर और माता-पिता से भी ऊंचा स्थान दिया गया है। गुरु न केवल एक विद्यार्थी का मार्गदर्शन करता है, बल्कि पूरी पीढ़ी और देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

शिक्षा के साथ-साथ वक्त की परिभाषा और मायने सीखने की भी जरूरत है। यह बात उदयपुर के श्रीजी डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में आयोजित हो रहे ‘स्कून्यूज़ ग्लोबल एड-फेस्ट’ के उद्घाटन समारोह में अपने कीनोट संबोधन के दौरान कही। फेस्ट का उद्घाटन गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवल के साथ हुआ। इस अवसर पर उदयपुर के श्रीजी डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, संरक्षक, स्कून्यूज़ ग्लोबल एड-फेस्ट; एयर वाइस मार्शल एचएस सिदाना, वीएसएम, सहायक वायु सेना प्रमुख (शिक्षा), भारतीय वायु सेना; देवयानी जयपुरिया, चेयरपर्सन, धारव हाई स्कूल और रवि संतलानी, सीईओ स्कून्यूज ने दीप प्रज्जवलित किया। इस वर्ष फेस्ट ‘पर्पज ड्रिवन एज्युकेशन – डिजाइनिंग फॉर फ्यूचर रियलिटीज’ विषय पर आधारित है।
इस अवसर पर डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने भारतीय सेना के जज्बे और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि बीते वर्षों में देश ने हमारी सेना की ताकत और पराक्रम को करीब से देखा है। आज के कार्यक्रम में वायु सेना के अधिकारियों की उपस्थिति ने सभी के मन में नई ऊर्जा और जोश भर दिया है। इन्होंने अपने व्यक्तिगत जीवन से ऊपर उठकर देश की सेवा और सुरक्षा को चुना है। हमें इनसे सीखने और प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
इससे पूर्व, अपने स्वागत संबोधन में रवि संतलानी, सीईओ, स्कून्यूज ने फेस्ट में शिक्षा के क्षेत्र में समावेशन को शामिल करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष फेस्ट में देश-विदेश से विभिन्न स्कूल बोर्ड्स से 750 से अधिक एजुकेटर्स और स्पीकर्स हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें स्कूल प्रिंसिपल्स, शिक्षाविद्, स्कूल डायरेक्टर्स शामिल हैं। कार्यक्रम के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से चयनित 10 ‘टीचर वॉरियर्स’ को श्रीजी डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ द्वारा सम्मानित किया गया। ये वे शिक्षक हैं, जिन्होंने सामाजिक और संस्थागत चुनौतियों के बीच भी दृढ़ता, सहानुभूति और साहस का परिचय देते हुए शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
कार्यक्रम की शुरुआत ‘एकोज ऑफ एबिलिटी’ एक म्यूजिकल और डांस परफॉर्मेंस के साथ हुई, जिसमें मूक, बधिर, दृष्टिबाधित और एचआईवी से पीड़ित बच्चों ने सुंदर प्रस्तुति से सब का मनमोह लिया।
इसके पश्चात, ‘रीइमेजनिंग द फ्यूचर ऑफ इंटरनेशनल एज्युकेशन इन इंडिया – फ्रॉम ग्लोबल इंटेंट टू लोकल इम्पैक्ट’ विषय पर एक ज्ञानवर्धक सेशन का आयोजन हुआ। सेशन में सैयद सुल्तान अहमद, चेयरपर्सन, टीएआईएसआई और डॉ सीता मूर्ति, डायरेक्टर, सिल्वर ओक्स इंटरनेशनल स्कूल्स ने भारत में इंटरनेशनल एज्युकेशन के फॉर्मेट और कल्चर पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार वैश्विक शिक्षा मॉडल को भारतीय संदर्भ में प्रभावी ढंग से अपनाया जा सकता है।
फेस्ट के पूरे दिन के दौरान ‘सक्सैस 2030: हू आर वी रियली एज्युकेटिंग फॉर?’, ‘को-क्रिएटिंग द फ्यूचर फॉर इंडियन एज्युकेशन’, ‘फोर्जिंग फ्यूचर पैट्रियट्स’ आदि विभिन्न विषयों पर ‘प्रोवोकेशंस’ और ‘फायर साइड’ चर्चाएं आयोजित हुईं। इसके साथ ही, कई वर्कशॉप्स भी आयोजित की गई। इस अवसर पर परिण्या संतलानी की आर्ट एग्जीबिशन ‘तमाशा’ का भी उद्घाटन किया गया।
द स्कून्यूज़ मेमोरियल अवॉर्ड्स 2025
शाम का समापन ‘द स्कून्यूज़ मेमोरियल अवॉर्ड्स’ के साथ हुआ, जिसमें 7 लोकप्रिय शिक्षाविदों की स्मृति में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए। यह पुरस्कार इस प्रकार से थे- उत्कृष्ट शिक्षा नेतृत्व के लिए (महाराणा अरविंद सिंह मेवाड़ अवॉर्ड) शिक्षा, नवाचार एवं प्रशिक्षण, डीएलएफ फाउंडेशन, चेयरपर्सन एवं कार्यकारी निदेशक -डॉ. अमिता मुल्ला वट्टल को प्रदान किया गया; साहसिक सुधार और शैक्षिक उत्थान के लिए (द अशोक गुप्ता राइज एंड रीफॉर्म ऑनर) सनबीम ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन, डॉ. दीपक मधोक को मिला; सभी बाधाओं के बावजूद शिक्षा के लिए संघर्ष करने हेतु (द कन्नी थारियामल पुरस्कार) प्रोमेथियस स्कूल के फाउंडर एवं चेयरपर्सन, मुकेश शर्मा को; शिक्षा में आशा, संभावनाओं और उद्देश्य को प्रेरित करने के लिए, (मोहिनी बख्शी स्पिरिट ऑफ पॉसिबिलिटी पुरस्कार) प्रो चांसलर, वेल्स यूनिवर्सिटी मैनेजिंग ट्रस्टी, वेल्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, डॉ. आरती गणेश को; मूल्य आधारित शिक्षा के लिए (पीएन कावूरी पुरस्कार) ज्ञान भारती स्कूल, नई दिल्ली, निदेशक, लता वैद्यनाथन को; शिक्षा के क्षेत्र में आजीवन प्रभाव के लिए (रानी हूजा लाईफटाइम फुटप्रिंट इन एज्युकेशन) इंदिरापुरम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशक, रीता सिंह को और पढ़ने की संस्कृति के निर्माण के लिए (स्नेह लता पुरस्कार) बुकारू चिल्ड्रन्स लिटरेचर फेस्टिवल, फेस्टिवल डायरेक्टर और को-फाउंडर, स्वाति रॉय को प्रदान किया गया।

