Kendriya Vidyalayas Enrolment Decline: केंद्रीय विद्यालयों में लगातार घट रहे हैं एडमिशन: 5 साल में सबसे कम नामांकन
पिछले कुछ वर्षों में केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन लगातार घट रहे हैं। इतना ही यहां अपने बच्चों का दाखिला कराने वाले लोगों की संख्या में भी हर साल गिरावट दर्ज की गई है। शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने यह आंकड़े जारी किए हैं।
फाइल फोटो
देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में एनरोलमेंट बीते 5 साल में सबसे कम पर पहुंच गए हैं। सोमवार को लोकसभा में शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसकी जानकारी दी। एजुकेशन सेशन 2020-21 में केंद्रीय विद्यालयों में दाखिलों की गिनती 1.95 लाख थी। ये हर साल घटते हुए अब मौजूदा एकेडमिक सेशन 2024-25 में 1.39 लाख रह गई है।
शिक्षा मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने संसद में जानकारी देते हुए कुछ आंकड़े साझा किए हैं। इसके मुताबिक 2020-21 की तुलना में 2024-25 में करीब 2.86% कम छात्रों ने यहां दाखिला लिया है। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की योजना को मंजूरी दी है, जिसकी लागत लगभग 5,872 करोड़ रुपये बताई गई है। हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि नए विद्यालय खोलने की प्रक्रिया सतत रूप से जारी है और नए स्कूल खोलने के प्रस्ताव तय मानदंडों के अनुसार ही एक्सेप्ट किए जाते हैं।
केंद्रीय विद्यालयों में कम हो गए छात्र
मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस समय में देश भर में 1,280 केंद्रीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इनमें शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कुल 13,50,518 छात्रों का नामांकन हुआ। यह 2020-21 की अपेक्षा कम है, जिसमें 13,87,763 स्टूडेंट्स इनरोल थे। इस तरह 5 सालों में 37,245 छात्रों (लगभग 2.86 प्रतिशत) की घटती संख्या को दिखाता है। यह आंकड़ा तेलुगु देशम पार्टी के बीके पार्थसारथी और कांग्रेस की सुधा आर द्वारा संसद में उठाए गए एक सवाल के जवाब में दिया गया।
KVs के लिए केंद्र ने फंड बढ़ाया है
इस बीच, केंद्रीय विद्यालय संगठन के लिए सरकार से मिलने वाला फंड भी लगातार बढ़ा है। 2020-21 में यह 6,437.68 करोड़ रुपए था, जो 2024-25 में बढ़कर 8,727 करोड़ रुपए हो गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में सरकारी विद्यालयों में घटते एनरोलमेंट को लेकर चिंता भी जताई है। इस साल की शुरुआत में मिड-डे मील योजना पर हुई चर्चाओं के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया कि वे प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तरों पर एनरोलमेंट में आई गिरावट के कारणों की जांच करें और इस विषय पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

