Amitabh Bachchan’s Don Director Chandra Barot Passes Away: ‘डॉन’ के निर्देशक चंद्रा बारोट का निधन: 86 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
अमिताभ बच्चन की 1978 में रिलीज हुई फिल्म डॉन के डायरेक्टर चंद्र बरोट का आज निधन हो गया है। चंद्र बरोट बीते लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें पल्मोनरी फाइब्रोसिस नाम की बीमारी थी। निर्देशक ने 86 साल की उम्र में आखिरी सांसें ली हैं।

बॉलीवुड की मशहूर 1978 की फिल्म डॉन के निर्देशक चंद्रा बारोट का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। उनका निधन रविवार यानी 20 जुलाई को हुआ। जिससे फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर फैल गई। उनकी पत्नी दीपा बारोट ने बताया कि वे पिछले 7 सालों से पल्मोनरी फाइब्रोसिस नाम की एक गंभीर फेफड़ों की बीमारी से लड़ रहे थे। मुंबई के गुरुनानक हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था और पहले जसलोक हॉस्पिटल में भी उन्हें भर्ती कराया गया था।
चंद्रा बारोट का जन्म तंजानिया में हुआ था और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक बैंक में नौकरी से की थी। लेकिन उनका दिल फिल्मों की ओर चला गया। जिसके बाद वे भारत आकर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ गए। यहां उन्हें दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का साथ मिला और उन्होंने बतौर सह-निर्देशक कई मशहूर फिल्मों में काम किया, जिनमें पूरब और पश्चिम, शोर, यादगार और रोटी कपड़ा और मकान जैसी फिल्में शामिल हैं।
उनका सबसे बड़ा योगदान फिल्म डॉन (1978) रही, जिसमें अमिताभ बच्चन ने डबल रोल निभाया था। इस फिल्म की स्क्रिप्ट सलिम-जावेद ने लिखी थी।जिसे पहले कई बड़े सितारों ने ठुकरा दिया था। लेकिन चंद्रा बारोट ने निर्माता नरिमन ईरानी की मदद के लिए इस फिल्म को बनाने का फैसला किया और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई. इसने न सिर्फ अमिताभ बच्चन को नई ऊंचाई दी, बल्कि बारोट को भी एक सफल निर्देशक के रूप में स्थापित कर दिया।
कर्ज चुकाने के लिए बनाई गई थी फिल्म डॉन
1978 की कल्ट फिल्म के बनने का किस्सा बेहद मजेदार है। दरअसल, प्रोड्यूसर और सिनेमैटोग्राफर नरिमन ईरानी 1972 की फिल्म जिंदगी जिंदगी बड़ी फ्लॉप रही थी। फिल्म के बाद वो 12 लाख के कर्ज में दब गए, जिससे वो फिल्म से जुड़े लोगों के पैसे नहीं चुका पा रहे थे।
70 लाख में बनी इस फिल्म ने 7 करोड़ रुपए की कमाई की थी। फिल्म की कमाई, नरिमन ईरानी की विधवा पत्नी को दी गई, जिससे उन्होंने पति का पूरा कर्ज चुका दिया।
चंद्र बरोट ने डॉन के 11 सालों बाद बंगाली फिल्म आश्रिता डायरेक्ट की थी। इसके अलावा वो तीन हिंदी फिल्में भी बना रहे थे, लेकिन बजट के चलते तीनों ही फिल्में कभी पूरी नहीं हो सकीं।