Bhasmaarati Of Mahakal In Govind Devji Temple: गोविंद देवजी मंदिर में शिव आराधना: रुद्राभिषेक और झांकी से भक्त हुए भावविभोर
सावन माह के दूसरे सोमवार की पहले रविवार को गोविंद देवजी मंदिर में शिव आराधना का भव्य आयोजन हुआ। सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।

कार्यक्रम की शुरुआत शिवलिंग पूजन से हुई, जिसमें पहले से पंजीकृत श्रद्धालु शामिल हुए। इसके बाद मंदिर में स्थापित द्वादश ज्योतिर्लिंगों का सामूहिक रुद्राभिषेक किया गया। श्रद्धालुओं ने दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक कर पुण्य अर्जित किया।
कार्यक्रम के मुख्य भाग में शांतिकुंज हरिद्वार से आई टोली ने महाकाल स्वरूप पर विशेष उद्बोधन दिया। शिव-पार्वती की सजीव झांकी प्रस्तुत की गई, जिसमें कलाकारों ने तांडव कर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। मंदिर में गोविंद और गौरीशंकर के मिलन का भावपूर्ण दृश्य भी प्रस्तुत किया गया, जिसने भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
पर्यावरण संतुलन, अच्छी वर्षा और जीव-जंतुओं के कल्याण की कामना के साथ राजधानी में विशेष महाभिषेक और यज्ञ का आयोजन किया गया। यह आयोजन गोविंद देवजी मंदिर परिसर में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और भोलेनाथ का जलाभिषेक कर आस्था और उत्साह प्रकट किया।
पर्यावरण परिषद के अध्यक्ष राहुल द्विवेदी ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण का संरक्षण, मानसून को सक्रिय करना और समग्र प्राकृतिक संतुलन बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान समाज को सकारात्मक ऊर्जा देने के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाते हैं।
ज्योतिषाचार्य अनुपम जौली ने बताया कि देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और सृष्टि संचालन का उत्तरदायित्व भगवान शिव को सौंपते हैं। इसी कारण सावन माह में शिव उपासना का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है, विशेषकर जब यह आयोजन गोविंद देवजी जैसे पवित्र स्थल पर हो।
आचार्य हिमानी शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष इंद्रदेव की कृपा से अच्छी वर्षा हो रही है, जो इस तरह के आयोजनों की आध्यात्मिक शक्ति का प्रमाण है। उन्होंने यह भी कहा कि हर रविवार गायत्री परिवार द्वारा किए जा रहे यज्ञों में जनता की भागीदारी लगातार बढ़ रही है, जिससे समाज में सुख, शांति और समृद्धि की भावना प्रबल हो रही है।

