Rajya Sabha Members List 2025: राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए 4 नए सदस्यों को नामित किया: उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला सहित शामिल
राष्ट्रपति ने राज्यसभा में चार नए सदस्यों की नियुक्ति की है। इनमें उज्ज्वल देवराव निकम, जो एक प्रतिष्ठित वकील हैं, सी. सदानंदन मास्टे, जो समाज सेवा में सक्रिय हैं, हर्षवर्धन श्रृंगला, जो पूर्व विदेश सचिव रह चुके हैं, और मीनाक्षी जैन, जो एक जाने-माने इतिहासकार हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने राज्यसभा के लिए 4 सदस्यों को नॉमिनेट किया है। इनमें पूर्व सरकारी वकील और लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रहे उज्ज्वल निकम शामिल हैं। निकम, 26/11 के मुंबई हमला समेत कई हाई-प्रोफाइल मामलों में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर रहे हैं।
उज्ज्वल निकम एक जाने-माने वकील हैं। उन्होंने कई बड़े आपराधिक मामलों को संभाला है। सी. सदानंदन मास्टे केरल में समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहे हैं। हर्षवर्धन श्रृंगला पहले भारत के विदेश सचिव थे। मीनाक्षी जैन इतिहास और शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम हैं।
इन सभी लोगों को राज्यसभा में मनोनीत किया गया है। राज्यसभा संसद का ऊपरी सदन है। इन सदस्यों के आने से राज्यसभा में अलग-अलग क्षेत्रों के अनुभवी लोग शामिल होंगे। इससे सदन की कार्यवाही और बेहतर होगी।
राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 80(1)(a) और खंड (3) के तहत इन शख्सियतों को मनोनीत किया है। पहले के मनोनीत सदस्यों के रिटायर होने से ये पद खाली हुए थे। राष्ट्रपति को संविधान के अनुसार राज्यसभा में सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार है। संविधान का अनुच्छेद 80(1)(a) और खंड (3) राष्ट्रपति को यह शक्ति देता है। संविधान का यह भाग राष्ट्रपति को राज्यसभा में सदस्यों को चुनने की अनुमति देता है।
राज्यसभा संसद का उच्च सदन भारत की संसद में दो सदन होते हैं- लोकसभा और राज्यसभा। राज्यसभा संसद का उच्च सदन होता है। इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 साल का होता है और हर 2 साल में एक तिहाई सदस्य रिटायर होते हैं।
संसद को दोनों सदनों का मुख्य काम विधान या कानून बनाना है। इसके लिए पहले विधेयक सदन में पेश किया जाता है। फिर इस पर चर्चा होती है, उसके बाद सभी की सहमति या वोटिंग कराकर इसे पारित कर दिया जाता है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून बन जाता है।
कैसे चुने जाते हैं मनोनीत सदस्य और उनके अधिकार
कितनी मिलती है सैलरी
मनोनीत सदस्यों को भी अन्य राज्यसभा के सदस्यों की तरह ही समान वेतन और भत्ते मिलते हैं। 2025 में सांसदों का मासिक वेतन 1.24 लाख रुपये है। इसके अलावा उनको निर्वाचन क्षेत्र का भत्ता, दैनिक भत्ता, कार्यालय भत्ता और अन्य सुविधाएं मिलती हैं। इसके अलावा कार्यालय व्यय भत्ता, दैनिक भत्ता, आवास, बिजली, पानी, टेलीफोन और डॉक्टरी सुविधाएं मिलती हैं। इसके अलावा यात्रा भत्ता और रिटायरमेंट के बाद पेंशन 25,000 रुपये साथ ही साथ 5 साल से ज्यादा की सेवा के लिए 2000 रुपये एक्स्ट्रा पेंशन भी मिलती है।