Kolkata Law College Gangrape Case Updates: कोलकाता गैंगरेप केस: CBI जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका, मुख्य आरोपी TMC से जुड़ा
कोलकाता के साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में 25 जून को एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। अब इस गंभीर घटना की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता ने मामले की प्रारंभिक जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराकर रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है।CBI जांच और छात्रा के लिए मुआवजे की मांग….

याचिका में कहा गया है कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा की कथित राजनीतिक पृष्ठभूमि—जो राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) से जुड़ी बताई जा रही है—को देखते हुए राज्य पुलिस से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसके अलावा, पीड़िता को समुचित मुआवजा देने और शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सिविल वॉलेंटियर्स की नियुक्ति की भी मांग की गई है। इससे पहले भी कई याचिकाएं इस घटना में कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग कर चुकी हैं। इन सभी याचिकाओं पर इस सप्ताह के अंत तक सुनवाई संभव है।
घटना का पूरा विवरण
25 जून को कोलकाता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ कॉलेज परिसर के भीतर गैंगरेप हुआ। मामले का मुख्य आरोपी 31 वर्षीय मनोजीत मिश्रा कॉलेज का पूर्व छात्र है, जिसे कुछ समय पहले स्टाफ की कमी के चलते एक अस्थायी फैकल्टी मेंबर के तौर पर नियुक्त किया गया था। इस घटना में दो अन्य छात्र—जैब अहमद (19), प्रमित मुखर्जी (20)—और एक 55 वर्षीय गार्ड पिनाकी भी आरोपी बनाए गए हैं। मामले की जांच के लिए 9 सदस्यों की एक विशेष जांच टीम (SIT) बनाई गई है।
NWC का दौरा और पुलिस पर गंभीर आरोप
राष्ट्रीय महिला आयोग (NWC) की सदस्य अर्चना मजूमदार ने रविवार को कॉलेज का दौरा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में सच्चाई को छिपाने की कोशिश की जा रही है। मजूमदार ने कहा, “पीड़िता का परिवार भारी मानसिक दबाव में है। पुलिस को तो यह तक नहीं पता कि वे इस वक्त कहां हैं। जब मैंने अपराध स्थल का वीडियो रिकॉर्ड करना चाहा तो पुलिस ने मुझे रोक दिया। इससे साफ है कि कुछ छिपाने की कोशिश हो रही है।”
राजनीतिक विरोध और जन आक्रोश
रविवार शाम को बीजेपी ने ‘कन्या सुरक्षा यात्रा’ नाम से एक विरोध मार्च आयोजित किया। यह मार्च पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में निकाला गया, जिसमें विक्टिम को न्याय दिलाने और अपराध के खिलाफ जनसरोकार को जताया गया।
CCTV फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट से गैंगरेप की पुष्टि
जांच अधिकारियों के अनुसार, कॉलेज के CCTV फुटेज में 25 जून की दोपहर 3:30 बजे से रात 10:50 बजे तक की गतिविधियां कैद हैं। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा गया है कि पीड़िता को जबरन गार्ड के कमरे में ले जाया गया, जो उसकी शिकायत के आरोपों की पुष्टि करता है। 28 जून को प्राप्त मेडिकल रिपोर्ट में भी रेप की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में छात्रा के शरीर पर नाखून से खरोंचने, काटने और मारपीट के निशान दर्ज किए गए हैं।
कॉलेज प्रशासन की प्रतिक्रिया
कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल नयना चटर्जी ने NDTV से बातचीत में बताया कि उन्हें घटना की जानकारी मीडिया से मिली। उन्होंने दावा किया कि न तो पीड़िता और न ही किसी अन्य ने कॉलेज प्रशासन को कोई शिकायत दी थी।
उन्होंने यह भी बताया कि घटना के एक दिन बाद पुलिस ने कॉलेज में आकर जांच शुरू की और ग्राउंड फ्लोर के दो कमरे सील कर दिए। उन्होंने आरोपी गार्ड की लापरवाही और मनोजीत मिश्रा की अस्थायी नियुक्ति की पुष्टि करते हुए कहा कि यह स्टाफ की कमी के चलते किया गया था।
मुख्य आरोपी एक तो मामला गैंगरेप का क्यों…
मुख्य पुलिस अभियोजक सोरिन घोषाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, बलात्कार करने में मदद करने वाले सभी व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। इस मामले में दो अन्य व्यक्तियों ने बलात्कार में मदद की। इस वजह से यह सामूहिक बलात्कार का मामला है।
ममता सरकार पर सवाल
इस घटना और टीएमसीनेताओं की टिप्पणियों ने ममता बनर्जी सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। वकील सत्यम सिंह सुप्रीम कोर्ट बार में सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय हैं और पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में पैरवी कर चुके हैं। उन्होंने याचिका में कहा कि यह घटना कानूनी पेशे के सम्मान और महिलाओं की गरिमा पर हमला है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में पेशेवर महिलाओं की सुरक्षा में गहरी खामियों को उजागर किया, जो राज्य सरकार की नाकामी को दर्शाता है।
2024 में आरजी कर हॉस्पिटल में डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था
आरजी कर हॉस्पिटल में 8 अगस्त 2024 की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त को अरेस्ट किया था। इस घटना के बाद कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए। बंगाल में 2 महीने से भी ज्यादा समय तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में 8 अगस्त 2024 की रात को ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के दोषी संजय रॉय को उम्रकैद (मरते दम तक जेल) की सजा सुनाई गई और 50 हजार का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने 18 जनवरी को संजय को दोषी ठहराया था।