Coronavirus Update: देश में फिर बढ़ा कोरोना का खतरा: नए वैरिएंट्स से 30 राज्यों में 7,121 एक्टिव केस, अब तक 74 की मौत
देश में कोरोना वायरस का खतरा एक बार फिर सिर उठाने लगा है। कोविड-19 के नए वैरिएंट्स के कारण 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक्टिव मामलों की संख्या 7,121 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हर दिन औसतन 400 नए मामले सामने आ रहे हैं। केरल में सबसे अधिक 2,223 सक्रिय केस हैं।

कोरोना से एक हफ्ते में 30 मौतें
बीते सात दिनों में कोरोना संक्रमण से 30 लोगों की मौत हुई है। मंगलवार को ही 6 मौतें दर्ज की गईं। अब तक 74 लोग नए वैरिएंट्स से जान गंवा चुके हैं। केरल और महाराष्ट्र में 19-19 मौतों के साथ स्थिति गंभीर बनी हुई है।
गुजरात सरकार की अपील
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने लोगों से अपील की है कि यदि सर्दी, खांसी, गले में खराश जैसे लक्षण हैं तो वे स्वयं को क्वारंटीन करें और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ लगातार संपर्क में है।
PM मोदी से मिलने के लिए RT-PCR टेस्ट जरूरी
देश में कोरोनावायरस के केसों और मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले सभी मंत्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है।
भारत में मिले 4 नए कोविड वैरिएंट
भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।
इनमें से JN.1 देश में सबसे ज्यादा पाया जा रहा वैरिएंट है, जो 50% से अधिक सैंपल्स में मौजूद है। इसके बाद BA.2 (26%) और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20%) हैं।
भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।
JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है
JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।
अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।
JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।