Kathmandu News: नेपाल के काठमांडू में हुए सागरमाथा संवाद में मंत्री भूपेंद्र यादव ने उच्च हिमालयी इकोसिस्टम की रक्षा: हरित वित्त और सीमा पार संरक्षण सहयोग की अपील की
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने नेपाल के काठमांडू में आयोजित पहले सागरमाथा संवाद में भाग लेकर भारत का प्रतिनिधित्व किया।

इस वैश्विक मंच का विषय था – “जलवायु परिवर्तन, पर्वत और मानवता का भविष्य”। इस अवसर पर मंत्री यादव ने पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए वैश्विक कार्रवाई हेतु पांच सूत्रीय आह्वान पेश किया।
उन्होंने कहा, “सागरमाथा यानी ‘आकाश का शीर्ष’ न केवल पर्वतों की महिमा का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी जिम्मेदारी भी है कि हम इन्हें बचाएं, जो धरती की जीवन रेखा हैं।” यादव ने नेपाल को इस आयोजन की मेजबानी के लिए बधाई दी और पर्वतीय देशों के साथ सांस्कृतिक और पारिस्थितिक जुड़ाव को रेखांकित किया।
भारत की प्रतिबद्धता और हिमालयी प्रयास
मंत्री यादव ने जलवायु संकट को लेकर भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि दक्षिण एशिया वैश्विक CO₂ उत्सर्जन में केवल 4% का योगदान करता है, जबकि यहां की 25% आबादी रहती है। उन्होंने जलवायु वित्त, तकनीक और क्षमता निर्माण में विकसित देशों की निष्क्रियता पर चिंता जताई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई परियोजना हिम तेंदुआ के महत्व पर विचार करते हुए, यादव ने कहा, “फरवरी 2020 में प्रवासी प्रजातियों पर सम्मेलन के 13वें सीओपी में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हिम तेंदुआ और इसके उच्च हिमालयीय रहने की जगह की रक्षा करने के महत्व को उजागर किया था। इस विजन के अनुरूप, भारत ने 2019 से 2023 के बीच अपना पहला व्यापक हिम तेंदुआ जनसंख्या आकलन किया, जिसमें भारत भर में कुल 718 हिम तेंदुए पाए गए, जो वैश्विक आबादी का लगभग 10-15 प्रतिशत है।”
पांच सूत्रीय वैश्विक आह्वान
- केंद्रीय मंत्री यादव ने पर्वतीय क्षेत्रों की रक्षा के लिए निम्नलिखित पांच बिंदुओं पर वैश्विक कार्रवाई की अपील की
- वैज्ञानिक सहयोग बढ़ाना – क्रायोस्फियर, जलवायु और जैव विविधता की निगरानी में सहयोग।
- जलवायु लचीलापन निर्माण – जीएलओएफ जैसे जोखिमों के लिए पूर्व चेतावनी प्रणालियां और लचीला इन्फ्रास्ट्रक्चर।
- पर्वतीय समुदायों को सशक्त बनाना – उनकी आजीविका, आकांक्षाओं और पारंपरिक ज्ञान को केंद्र में रखना।
- हरित वित्त की उपलब्धता – यूएनएफसीसीसी और पेरिस समझौते के तहत पर्याप्त जलवायु फंडिंग।
- पर्वतीय दृष्टिकोण को पहचान देना – वैश्विक जलवायु संवादों में पर्वतीय इकोसिस्टम की भूमिका को मान्यता।
इस कार्यक्रम में नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली, विदेश मंत्री डॉ. आरज़ू राणा देउबा, चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के उपाध्यक्ष शियाओ जी और सीओपी29 के अध्यक्ष एवं अज़रबैजान के पारिस्थितिकी मंत्री मुख्तार बाबायेव सहित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।