FedEx promotes ‘Saksham’ from Entrepreneurship for the fourth year: फेडएक्स ‘सक्षम’ से महिला उद्यमिता और LGBTQIA+ समुदाय को मिला सशक्त समर्थन
यूनाइटेड वे के सहयोग से, फेडएक्स का लक्ष्य ‘सक्षम’ के माध्यम से इस अंतर को कम करना है, ताकि महिला उद्यमी मजबूत व्यवसाय स्थापित कर सकें और आर्थिक विकास में अपना योगदान दे सकें।” यूनाइटेड वे मुंबई के सहयोग से वर्ष 2021 में अपनी शुरुआत के बाद से ‘सक्षम’ ने महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की है।

दुनिया की सबसे बड़ी द्रुतगामी परिवहन कंपनी फेडरल एक्सप्रेस कॉर्पोरेशन (फेडएक्स) ने भारत में लगातार चौथे वर्ष अपनी ‘सक्षम’ पहल के माध्यम से समावेशी उद्यमिता को बढ़ावा दिया है।
इस वर्ष, सक्षम ने 270 से अधिक महिला उद्यमियों और LGBTQIA+ समुदाय के 160 से अधिक सदस्यों को सशक्त बनाया। इन उद्यमियों को ‘सक्षम किट’ प्रदान की गई, जिसमें व्यावसायिक संसाधन और उद्योग-विशेष प्रशिक्षण शामिल था। इस पहल से टिफिन सेवा, सिलाई, हस्तशिल्प, खाद्य सेवा और सौंदर्य क्षेत्र के लघु व्यवसायियों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए, जिससे उनके कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद मिली।
महिला उद्यमिता में वृद्धि की अपार संभावनाएं
फेडएक्स इंडिया ऑपरेशंस के उपाध्यक्ष सुवेंदु चौधरी ने कहा, ग्लोबल आंत्रेप्रेन्योरशिप मॉनिटर (GEM) के अनुसार, यदि महिलाओं को पुरुषों के समान दर पर व्यवसाय शुरू करने और उसे बढ़ाने में मदद मिले, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5 से 6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान किया जा सकता है। भारत में महिला-स्वामित्व वाले 2.2 करोड़ MSMEs में अपार संभावनाएं हैं, लेकिन पूंजी, व्यावसायिक ज्ञान और बाजार तक पहुंच जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। यूनाइटेड वे के सहयोग से, फेडएक्स का लक्ष्य ‘सक्षम’ के माध्यम से इस अंतर को कम करना है।
‘सक्षम’ पहल के उल्लेखनीय परिणाम यूनाइटेड वे मुंबई के सहयोग से 2021 में शुरू हुई ‘सक्षम’ पहल ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।
- 38% लाभार्थियों ने औसतन ₹61,176 सालाना की कमाई की, जबकि पहले उनकी कोई आय नहीं थी।
- 15,000 रुपये से कम कमाई करने वालों में से 19% की औसत आय बढ़कर ₹66,782 हो गई।
LGBTQIA+ समुदाय के लिए भी बना बदलाव का माध्यम
समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत, ‘सक्षम’ LGBTQIA+ समुदाय को भी सहयोग प्रदान करता है।
- कार्यक्रम में शामिल होने से पहले, इनमें से 45% प्रतिभागी बेरोजगार थे।
- नामांकन के बाद 90% ने या तो नौकरी हासिल की या अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया।
- इनमें से 68% अब निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं, जिनकी कमाई ₹14,000 से ₹15,000 प्रति माह है, जबकि 23% ने सांस्कृतिक प्रदर्शन, सौंदर्य सेवाओं और सिलाई जैसे क्षेत्रों में सफल उद्यम शुरू किए हैं।
सक्षम से मिली नई पहचान और आत्मनिर्भरता
यूनाइटेड वे मुंबई के सीईओ जॉर्ज ऐकारा ने कहा, “हम मानते हैं कि आर्थिक सशक्तीकरण ही कर्मठ (रेसिलिएंट) समुदायों के निर्माण का मुख्य आधार है। हमने ‘सक्षम’ के माध्यम से महिलाओं और LGBTQIA+ उद्यमियों पर मार्गदर्शन और बाजार-संपर्क का रूपान्तरकारी प्रभाव देखा है। ये कहानियां समावेशी उद्यमिता की ताकत का प्रमाण हैं।
व्यवसाय में बदलाव की कहानी
सक्षम से लाभान्वित होने वाली ममता गावली ने कहा, “सक्षम से जुड़ने से पहले, मेरे व्यवसाय में लगातार संघर्ष था और विस्तार असंभव लग रहा था। सक्षम किट ने मुझे जरूरी साधन और उपकरण दिए जिससे मेरी सेवाओं में सुधार हुआ और ज्यादा ग्राहक मिलने लगे। वित्तीय प्रबंधन प्रशिक्षण से मैंने बचत का महत्व सीखा और आज मेरे पास बैंक खाता और व्यवसाय बढ़ाने की स्पष्ट योजना है, जिससे मेरे बच्चों का भविष्य बेहतर होगा।
फेडएक्स, #AccelerateAction के तहत ठोस कदम उठाकर, महिला उद्यमियों और LGBTQIA+ समुदाय को सशक्त बना रहा है। सक्षम जैसी पहल से आर्थिक प्रगति और समुदायों के उत्थान को आगे बढ़ाने में जबरदस्त प्रभाव पड़ रहा है।