Jal Jeevan Mission: जल जीवन मिशन में चुनौतियां बरकरार: 44 प्रतिशत घरों में पानी कनेक्शन देना बाकी
जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission – JJM) के तहत प्रदेश में हर महीने 1.30 लाख से ज्यादा कनेक्शन की जरूरत है, ताकि हर घर तक नल से जल पहुंच सके।

हालांकि, केंद्र सरकार ने इस मिशन की समय सीमा 2028 तक बढ़ा दी है। लेकिन प्रदेश के जलदाय विभाग के सामने अब भी कई चुनौतियां मौजूद हैं। पिछले पांच साल में केवल 56 प्रतिशत ग्रामीण घरों तक ही नल कनेक्शन पहुंच पाया है। जबकि 10 प्रतिशत घरों में योजना से पहले ही कनेक्शन थे।
इसका मतलब यह है कि जल जीवन मिशन के तहत पिछले पांच वर्षों में सिर्फ 46 प्रतिशत घरों में कनेक्शन हो पाए, जबकि अब अगले तीन वर्षों में 44 प्रतिशत यानी करीब 47 लाख घरों में पानी कनेक्शन करने की जिम्मेदारी होगी। फिलहाल, कई टेंडर और वर्कऑर्डर कोर्ट केस और विवादों में अटके हुए हैं। जेजेएम के टेंडरों की जांच ईडी, सीबीआई और एसीबी द्वारा की जा रही है, जिससे मिशन की गति में और देरी हो रही है।
मिशन की निगरानी की जिम्मेदारी विभाग के प्रमुख सचिव भास्कर ए. सावंत और मिशन के प्रबंध निदेशक कमर उल जमान चौधरी के पास है। हाल ही में सरकार ने जेजेएम की मॉनिटरिंग के लिए तीन साल में आठ आईएएस अधिकारियों को बदला, लेकिन केवल एक ही रैंकिंग सुधार सकी है। जो 32 से बढ़कर 31वीं पायदान पर आ गई है।
राजस्थान को मार्च 2024 तक 1 करोड़ 7 लाख 77 हजार 074 कनेक्शन की योजना थी। लेकिन पिछली सरकार में रफ्तार धीमी रही। वर्तमान में जल जीवन मिशन के लिए करीब 93 हजार करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें अब तक 31 हजार करोड़ रुपये का काम हुआ है। इसके बावजूद, जलदाय विभाग पर करोड़ों रुपये के घोटालों के आरोप हैं। लेकिन इंजीनियरों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई। एसीबी में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद, आरोपियों को सस्पेंड करने के बजाय उन्हें राजनीतिक दबाव में महत्वपूर्ण पोस्टिंग दी गई।