AJmer Dargah Court Case: दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे पर सुनवाई: याचिकाकर्ता की कोर्ट से सुरक्षा की अपील की
अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे को लेकर पेश की गई याचिका पर आज 2:30 बजे सुनवाई होगी। इससे पहले विष्णु गुप्ता ने सिविल कोर्ट को एप्लिकेशन देकर जान का खतरा बताया था। साथ ही अपील की थी कि कोर्ट में उन्हीं लोगों को आने की अनुमति मिले, जो इस केस से संबंधित है।

याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने स्पष्ट किया है कि अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह दरगाह एक्ट के तहत आती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना है कि ख्वाजा गरीब नवाज का कोई वंश नहीं था, क्योंकि वह सूफी संत थे और उनका विवाह नहीं हुआ था। उन्होंने प्रतिवादी बनने के लिए दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन और एक खादिम द्वारा दायर अर्जियों का भी विरोध किया है। गुप्ता का कहना है कि खादिमों का दरगाह से कोई कानूनी संबंध नहीं है।
अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का किया था दावा हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने सिविल कोर्ट में 23 सितंबर को अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका लगाई थी। 27 नवंबर को कोर्ट ने इस याचिका को सुनने योग्य माना और अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस भेजा था।
कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तारीख दी थी। इसके बाद अंजुमन कमेटी, दरगाह दीवान, गुलाम दस्तगीर अजमेर, ए इमरान बैंगलोर और राज जैन होशियारपुर पंजाब ने अपने आप को पक्षकार बनाने की अर्जी लगाई थी।