Saif Ali Khan’s Nawabi Property In Trouble: सैफ अली खान की नवाबी संपत्ति पर संकट: चाकू से हमला, 15 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त होने का खतरा
फिल्म अभिनेता सैफ अली खान एक बड़ी मुसीबत से अभी अभी बाहर निकले हैं। उनके घर चोरी के इरादे से आने वाले हमलावर ने सैफ पर ताबड़तोड़ चाकुओं से वार किए थे।

5 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद सैफ अली खान तो घर आ गए हैं लेकिन उनकी नवाबी खतरे में पड़ गई है। 15 हजार करोड़ की संपत्ति सैफ अली खान के हाथ से जा सकती है।। उनकी संपत्ति जब्त होने का खतरा मंडरा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि भोपाल रियासत की ऐतिहासिक संपत्तियों पर 2015 से चल रहे स्टे को अब खत्म कर दिया गया है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (जबलपुर) ने शत्रु संपत्ति के मामले में एक्टर सैफ अली खान। मां शर्मिला टैगोर, बहनें सोहा और सबा अली खान और सैफ की फूफी सबीहा सुल्तान को निर्देश दिया है कि वे इस मामले में अपीलीय प्राधिकरण के सामने अपना पक्ष रखें। लेकिन पटौदी परिवार ने तय समय में अपना पक्ष नहीं रखा। ये ड्यूरेशन अब खत्म हो चुका है और परिवार की ओर से कोई दावा नहीं किया गया है।
क्यों सरकार के कब्जे में आ सकती है सैफ की प्रॉपर्टी?
शत्रु प्रॉपर्टी एक्ट 1968 में बनाया गया था। इसके तहत बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए लोगों की भारत में छोड़ी गई संपत्तियों पर केंद्र सरकार का अधिकार होता है। स्टे हटने के बाद अब सरकार नवाब की संपत्ति को शत्रु संपत्ति अधिनियम के दायरे में लाकर 2015 के आदेश के तहत अपनी कस्टडी में ले सकती है। केंद्र सरकार ने 2015 में ये बताया था कि नवाब हमीदुल्लाह खान की संपत्ति की वैध वारिस उनकी बड़ी बेटी आबिदा थीं। जो पाकिस्तान चली गई थीं। इसलिए ये संपत्ति शत्रु संपत्ति कानून के अंतर्गत आती है।
बता दें कि सैफ अली खान के परिवार की 15 हजार करोड़ की संपत्ति भोपाल के कोहेफिजा से चिकलोद तक फैली है। यह संपत्ति सैफ अली खान और शर्मिला टैगोर के परिवार की बताई जाती है। पटौदी परिवार की करीब 100 एकड़ जमीन पर डेढ़ लाख लोग रह रहे हैं। लेकिन इस संपत्ति को शत्रु संपत्ति की श्रेणी में रखा जाता है। शत्रु संपत्ति- भारत -पाकिस्तान विभाजन या भारत-चीन युद्ध के बाद जिन लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी थी। वह संपत्ति शत्रु संपत्ति में गिनी जाती है। भोपाल रियासत के नवाब हमीदुल्लाह खान की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान पाकिस्तान चली गई थीं। इस वजह से परिवार की संपत्ति को शत्रु संपत्ति में रखा जा रहा है। अब इस जमीन पर सरकार के जब्त करने का रास्ता साफ हो गया है। पटौदी परिवार के पास से डिवीजन बेंच में चुनौती देने का विकल्प बचा हुआ है।