Kotputli Borewell Accident Update: बोरवेल में फंसी चेतना जिंदगी की जंग हार गई: 10 दिन बाद रेस्क्यू मिशन प्रयास असफ़ल
कोटपूतली: राजस्थान के कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी 3 साल की चेतना जिंदगी की जंग हार गई है। चेतना को बुधवार को 10वें दिन बोरवेल से बाहर निकालने में सफलता मिली।
5 बार बोरवेल से निकालने की कोशिश के बाद आखिर जब चेतना बाहर आई तो मृत अवस्था में आई । पिछले 8 दिनों से कैमरे में कोई हरकत नज़र नहीं आ रहा थी । प्रशासन और बचाव टीम ने हर संभव प्रयास किया लेकिन बच्ची की जान नहीं बचाई जा सकी। रेस्क्यू टीम ने बोरवेल से बाहर निकालने के बाद चेतना को अस्पताल पहुंचाया जहाँ डॉक्टरों ने चेतना को मृत घोषित कर दिया ।
बचाव टीम के गलत प्रयासों से चेतना को बाहर निकालने में देरी
बता दे की 23 दिसंबर को चेतना बोरवेल में गिरी थी। चेतना अपनी बहन के साथ खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गई और 120 फीट की गहराई पर जा फंसी। बचाव टीम ने बोरवेल के समानांतर गड्ढा खोदकर सुरंग बनाया। हालांकि मंगलवार को पता चला की सुरंग गलत दिशा में खोदी गई इससे समय बर्बाद हुआ । फिर दिल्ली और जयपुर मेट्रो के विशेषज्ञ बुलाए गए इस मामले पर सलाह लेने के लिए । समय बर्बाद और लापरवाही के कारण चेतना को निकालने में हुई देरी। अधिकारियों का कहना है कि कोई लापरवाही नहीं बरती गई और बचाव कार्य में हर संभव प्रयास किया गया ।
प्रशासन की खुले बोरवेल पर कड़े कदम
सरकार द्वारा खुले बोरवेल और कुए को बंद कराने के प्रयास किए जा रहे है। कई इलाकों और क्षेत्रों में इन्हे बंद करने के कार्य शुरू भी हो गए है। प्रशासन को इस मुद्दे पर और एहतियात बरतने की आवश्यकता है। यह घटना एक बार फिर खुले बोरवेल और राहत कार्य की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
एनडीआरएफ के प्रभारी योगेश मीणा ने बताया कि बच्ची मिट्टी में फंसी हुई थी। जब उसे निकाला, तब शरीर में कोई मूवमेंट नहीं था। एनडीआरएफ के जवान महावीर सफेद कपड़े में लपेटकर चेतना को बाहर लेकर आए। देर शाम तक बच्ची का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। बोरवेल हादसों में 10 साल में 17 मौतें हो चुकी हैं। इनमें 2024 में तीन मौतें हुई थीं। 2025 में पहली मौत चेतना की हुई है।
चेतना के परिवार और लोगो का रेस्क्यू पर प्रतिक्रिया
बचाव टीम ने गलत सुरंग खोद दी थी जिस वजह से और समय बर्बाद हुआ जिस पर स्थानीय लोग प्रशासन और बचाव कार्य टीम पर भड़के हुए है और प्रशासन पर सवाल उठा रहे है।
चेतना के दादा दयाराम ने प्रशासन और बचाव टीम के प्रयासों की सराहना की। अधिकारियों और प्रशासन से अपील की कि खुले बोरवेल को तुरंत बंद किया जाए ताकि फिर कोई चेतना जैसी मासूम बच्ची की जान ना जाए।