Advisory issued for protection against deep fakes: राज्य सरकार की डीपफेक से सुरक्षा के लिए एडवाइजरी जारी: आमजन और संगठनों को साइबर खतरों के प्रति किया जागरूक
जयपुर राज्य सरकार ने डीपफेक तकनीक और इसके दुरुपयोग से उत्पन्न खतरों को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी का उद्देश्य आमजन और संगठनों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और संभावित खतरों से बचाव के उपाय बताना है। इसमें डीपफेक के उपयोग से नकली वीडियो, चित्र और ऑडियो के माध्यम से फैलने वाली गलत सूचनाओं और साइबर धोखाधड़ी को रोकने के उपाय शामिल हैं।
क्या है डीपफेक तकनीक?
डीपफेक एक तकनीक है जिसमें एआई का उपयोग कर यथार्थ और विश्वसनीय लगने वाले नकली वीडियो, चित्र और ऑडियो बनाए जाते हैं। इसके माध्यम से गलत सूचनाएं फैलाने, साइबर धोखाधड़ी और वित्तीय ठगी करने का काम किया जाता है। इसका उपयोग किसी भी व्यक्ति या संगठन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए भी किया जा सकता है। घोटालेबाजों द्वारा डीपफेक तकनीक का उपयोग कर परिवार के सदस्यों या परिचितों का प्रतिरूपण कर धन हस्तांतरण या संवेदनशील वित्तीय जानकारी जुटा कर उसका दुरूपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा डीपफेक के माध्यम से सार्वजनिक हस्तियों या घटनाओं का नकली वीडियो बनाकर आमजन को भ्रमित किये जाने का जोखिम भी है।
डीपफेक से बचने के लिए उसे पहचानना जरूरी है
असामान्य भावभंगिमाएं, सिंथेटिक रूप रंग, रोबोट जैसी आवाज एवं असंगत प्रकाश व्यवस्था जैसे संकेतों से डीपफेक की पहचान की जा सकती है। डीपफेक से बचाव के लिए जरूरी है कि बिना विश्वसनीय स्रोत के किसी भी डिजिटल सामग्री को सोशल मीडिया पर साझा नहीं करना चाहिये। डीपफेक से बचाव के लिए जरूरी है कि बिना विश्वसनीय स्रोत के किसी भी डिजिटल सामग्री को सोशल मीडिया पर साझा नहीं करना चाहिए। अपने खातों को हैकिंग प्रयासों से रोकने के लिए मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करना चाहिए।
राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी में संगठनों के लिए भी रणनीतियाँ जारी की गई हैं। इसमें ऑनलाइन फोटो वीडियो अथवा डॉक्यूमेंट जारी करते समय डिजिटल वाटरमार्क का उपयोग करना। डिजिटल संचार के लिए कड़े सत्यापन, प्रोटोकॉल स्थापित करना तथा संवेदनशील लेन देन के लिए मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन और कॉल बैक जैसी प्रक्रियाएं अपनाने के दिशा-निर्देश दिये गए हैं। इसके अतिरिक्त डीपफेक सामग्री की पहचान के लिए उन्नत पहचान उपकरण काम में लेने और उनके नियमित अपडेशन का सुझाव दिया गया है।